अलेप्पो से बाहर जाते स्थानीय लोग (फोटो : रॉयटर्स)
संयुक्त राष्ट्र:
रूस के समर्थन के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को अलेप्पो में तेजी से संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक तैनात करने के पक्ष में मतदान किया. ये पर्यवेक्षक वहां बचाव अभियानों की निगरानी करेंगे और विद्रोहियों से घिरे सीरियाई शहर में फंसे हुए आम नागरिकों के भविष्य से जुड़ी रिपोर्ट सौंपेंगे.
फ्रांस द्वारा तैयार मसौदा प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में सर्वसम्मति से मंजूर किया गया. इसके साथ ही सीरिया के संकट को लेकर आपस में जूझ रहीं विश्व शक्तियों के बीच पहली बार एकता दिखी है.
प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को पूर्वी अलेप्पो और शहर के दूसरे जिलों से लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया की उचित, निष्पक्ष निगरानी एवं प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपता है.
प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा महासचिव बान की मून से अपील की गई है कि वे पर्यवेक्षकों को आम नागरिकों की खैरियत की देखरेख करने और तैनाती को लेकर रुचि रखने वाले पक्षों से सलाह मशविरा लेने की मंजूरी देने की खातिर तत्काल कदम उठाएं. फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा डेलात्रे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी से अलेप्पो को एक और स्रेब्रेनिका बनने से रोका जाएगा, जहां 1995 में शहर के बोस्नियाई-सर्बियाई बलों के कब्जे में आने के बाद नरसंहार में हजारों बोस्नियाई पुरुष एवं लड़के मारे गए थे.
हालांकि यह अनिश्चित है कि सीरिया सरकार पर्यवेक्षकों को शहर में जाने की और वहां जारी अभियानों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी के घेरे में आने की मंजूरी देगी या नहीं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फ्रांस द्वारा तैयार मसौदा प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में सर्वसम्मति से मंजूर किया गया. इसके साथ ही सीरिया के संकट को लेकर आपस में जूझ रहीं विश्व शक्तियों के बीच पहली बार एकता दिखी है.
प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को पूर्वी अलेप्पो और शहर के दूसरे जिलों से लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया की उचित, निष्पक्ष निगरानी एवं प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपता है.
प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा महासचिव बान की मून से अपील की गई है कि वे पर्यवेक्षकों को आम नागरिकों की खैरियत की देखरेख करने और तैनाती को लेकर रुचि रखने वाले पक्षों से सलाह मशविरा लेने की मंजूरी देने की खातिर तत्काल कदम उठाएं. फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा डेलात्रे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी से अलेप्पो को एक और स्रेब्रेनिका बनने से रोका जाएगा, जहां 1995 में शहर के बोस्नियाई-सर्बियाई बलों के कब्जे में आने के बाद नरसंहार में हजारों बोस्नियाई पुरुष एवं लड़के मारे गए थे.
हालांकि यह अनिश्चित है कि सीरिया सरकार पर्यवेक्षकों को शहर में जाने की और वहां जारी अभियानों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी के घेरे में आने की मंजूरी देगी या नहीं.
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