भारत और अमेरिका सहित वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधे से अधिक हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले देशों ने मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान शुक्रवार को 12 महीने की कार्य योजना शुरू की. इस योजना का लक्ष्य जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को हर जगह सस्ता और अधिक सुलभ बनाना है.
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अवसंरचना संधि (UNFCC) के अनुसार, योजना में ‘ब्रेकथ्रू एजेंडे' के तहत संयुक्त अरब अमीरात में सीओपी28 के आयोजन तक बिजली, परिवहन और इस्पात संबंधी कार्बन उत्सर्जन को कम करने, कम उत्सर्जन वाले हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाने और टिकाऊ कृषि की ओर बढ़ने की गति तेज करने के लिए 25 क्षेत्र-विशिष्ट ‘‘प्राथमिकताओं'' को शामिल किया गया है.
यह एजेंडा 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को हासिल करने में मदद के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के विकास और इस्तेमाल को बढ़ाने तथा गति देने की खातिर इस दशक में मिलकर काम करने की वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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