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This Article is From Sep 18, 2023

रूसी सेना को यूक्रेन ने दी मात, क्लिशचिवका गांव पर फिर से जमाया कब्जा

क्लिशचिवका को रूस के कब्जे से मुक्त करने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपनी सेना की जमकर तारीफ और सराहना की.

रूसी सेना को यूक्रेन ने दी मात, क्लिशचिवका गांव पर फिर से जमाया कब्जा
क्लिशचिवका गांव पर यूक्रेन ने फिर किया कब्जा

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उनकी सेना से रूस से कब्जे से एक और गांव को छुड़ा लिया है. न्यूज एजेंसी एएफपी की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि बखमुत के दक्षिणी किनारे पर मौजूद क्लिशचिवका गांव पर यूक्रेन ने फिर से कब्जा कर लिया है. वह रूस के हमलों का डटकर जवाब दे रहे हैं. रूस पर यह जीत यूक्रेन के लिए बहुत ही अहम मानी जा रही है. दरअसल राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की समर्थन जुटाने के लिए अगले हफ्ते वाशिंगटन यात्रा पर जा रहे हैं. 

यूक्रेनी की थल सेना के कमांडर ऑलेक्ज़ेंडर सिर्स्की ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कहा कि क्लिशचिवका को रूसियों से मुक्त कर दिया गया है. इसके साथ ही राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इस कामयाबी के लिए अपनी सेना की जमकर तारीफ और सराहना की, जिन्होंने रूस से कब्जे से अपने एक और गांव को मुक्त करवा लिया. राष्ट्र के नाम जारी संदेश में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यह बहुत ही बहुत बढ़िया है. वहीं यूक्रेनी सेना के कमांडर ने भी गांव पर कब्जा किए जाने की पुष्टि की है. 

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क्लिशचिवका पर फिर यूक्रेन का कब्जा

ज़ेलेंस्की ने बिना कोई डिटेल दिए यह भी कहा कि कीव यूक्रेन के लिए नए डिफेंस सॉल्युशन तैयार कर रहा है. हवाई रक्षा और तोपखाने उनकी प्राथमिकता हैं. बता दें कि फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने से पहले सैकड़ों लोगों की आबादी वाला क्लिशचिवका यूक्रेन का हिस्सा था. इस गांव पर जनवरी में रूसी सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था लेकिन यह गांव अब रूस के कबजे से मुक्त हो गया है. बता दें कि पहले यूक्रेनी सैनिकों के प्रवक्ता इल्या येवलैश ने कहा था कि कि क्लिशचिवका पर कब्जे से यूक्रेनी सेना को बखमुत को घेरने में मदद मिल सकती है. लंबे युद्ध और खूनी संघर्ष के बीच मई महीने में रूस ने बखमुत पर कब्जा जमा लिया था. उसको रूस से मुक्त कराने के लिए क्लिशचिवका गांव काफी अहम माना जा रहा है. 

'रूसी सेना को टारगेट करने में होगी आसानी'

 यूक्रेनी सैनिकों के प्रवक्ता इल्या येवलैश ने टीवी पर एक बयान में कहा कि अब हमें एक मंच मिल गया है, जिससे हम आने वाले समय में आक्रामक कार्रवाई जारी रख सकेंगे और रूस के कब्जे से अपनी जमीन को मुक्त करा सकेंगे. उन्होंने कहा कि क्लिशचिवका गांव पर कब्जे के बाद यूक्रेनी सेना को रूसी सेना की तरफ ज्यादा आसानी से आगे बढ़ने और ज्यादा सटीक तोप हमले करने में आसानी होगी. 

'अभी भी यूक्रेन के सामने बड़ी चुनौती'

अमेरिका के सीनियर रैंकिंग सैन्य अधिकारी ने रविवार को कहा था कि रूसी सेना को अपने क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए यूक्रेन को बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है. ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा था कि यूक्रेन का जवाबी हमला योजनाकारों के अनुमान से धीमा है, लेकिन यह स्थिर है. साथ ही उन्होंने उन टिप्पणियों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि यूक्रेन का हमला विफल हो गया. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि यूक्रेन के पास बहुत युद्ध शक्ति बची हुई है और यूक्रेन की वॉर पावर अभी खत्म नहीं हुई है. हालांकि उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि रूस के कब्जे वाले यूक्रेन से सभी 200,000 या उससे ज्यादा रूसी सैनिकों को बाहर निकालने में बहुत समय लगेगा. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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