प्रतीकात्मक तस्वीर
बेरूत:
सीरिया के पूर्वी शहर देर अल-जार में खाने-पीने की सामग्री की इतनी ज्यादा कमी हो गई है कि बेचैन निवासी भोजन के लिए या सरकारी सैनिकों और आईएस आतंकियों के कब्जे से भागने की अनुमति हासिल करने के लिए अपना सोना, कीमती चीजें और यहां तक कि अपने घर भी बेच रहे हैं।
चरमपंथियों ने एक साल से ज्यादा समय से शहर के सरकारी कब्जे वाले क्षेत्रों को अवरूद्ध कर रखा है। क्षेत्र के लगभग दो लाख निवासी धीरे-धीरे भूख से मर रहे हैं और राष्ट्रपति बशर असद का समर्थन करने वाले मिलिशिया और सैनिक नागरिकों के कष्टों को बढ़ा रहे हैं। हाल में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान असद समर्थक सैनिकों द्वारा घेरे गए शहर मदाया पर था, वहीं संयुक्त राष्ट्र और सहायता एजेंसियों का कहना है कि एक अन्य तबाही देर अल-जार में हो रही है।
इलाके से भागकर आए निवासियों के अनुसार कभी तेल से समृद्ध रहे इस देश में गृहयुद्ध ने इसे एक ऐसी जगह बना दिया है, जहां चाय बनाने जैसी सरल सी चीज भी भोजन, पानी और ईंधन की कमी के कारण बेहद संघर्षपूर्ण हो गई है।
कई लोग सिर्फ ब्रेड खाकर और पानी पीकर ही जिंदा हैं और इसके लिए भी उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। नलों में कई-कई दिनों तक पानी नहीं आता और जब कुछ घंटे के लिए पानी आता भी है तो वह खारा होता है। शहर में पिछले 10 माह से बिजली नहीं है। जनरेटरों और पानी के पंपों के लिए बहुत कम ही ईंधन बचा है।
चरमपंथियों ने एक साल से ज्यादा समय से शहर के सरकारी कब्जे वाले क्षेत्रों को अवरूद्ध कर रखा है। क्षेत्र के लगभग दो लाख निवासी धीरे-धीरे भूख से मर रहे हैं और राष्ट्रपति बशर असद का समर्थन करने वाले मिलिशिया और सैनिक नागरिकों के कष्टों को बढ़ा रहे हैं। हाल में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान असद समर्थक सैनिकों द्वारा घेरे गए शहर मदाया पर था, वहीं संयुक्त राष्ट्र और सहायता एजेंसियों का कहना है कि एक अन्य तबाही देर अल-जार में हो रही है।
इलाके से भागकर आए निवासियों के अनुसार कभी तेल से समृद्ध रहे इस देश में गृहयुद्ध ने इसे एक ऐसी जगह बना दिया है, जहां चाय बनाने जैसी सरल सी चीज भी भोजन, पानी और ईंधन की कमी के कारण बेहद संघर्षपूर्ण हो गई है।
कई लोग सिर्फ ब्रेड खाकर और पानी पीकर ही जिंदा हैं और इसके लिए भी उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। नलों में कई-कई दिनों तक पानी नहीं आता और जब कुछ घंटे के लिए पानी आता भी है तो वह खारा होता है। शहर में पिछले 10 माह से बिजली नहीं है। जनरेटरों और पानी के पंपों के लिए बहुत कम ही ईंधन बचा है।
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