
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी तीन दिन की नेपाल यात्रा को बेहद सफल बताया है। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बिजली व्यापार समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने व 1950 की महत्वपूर्ण संधि की बदली परिस्थितियों के संदर्भ में समीक्षा व उसमें समायोजन करने की सहमति बनी।
सुषमा ने नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, यह बेहद सफल यात्रा रही। इसकी उपलब्धियां मेरी उम्मीदों से अधिक रही हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने अड़चनों को दूर किया है और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की सहमति दी है। सुषमा ने यहां राष्ट्रपति रामबरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोईराला सहित नेपाल के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की। उन्होंने विपक्ष के नेता व यूनाइटेड कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी के प्रमुख प्रचंड से भी मुलाकात की।
सुषमा ने रविवार सुबह उप प्रधानमंत्री बाम देव गौतम से भी मुलाकात की। वह सीपीएन-यूएमएल के कार्यवाहक चेयरमैन भी हैं, जो सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा है। सुषमा ने 23 साल बाद हुई भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की।
उनकी इस यात्रा का एक मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 अगस्त से दो दिन की नेपाल यात्रा की तैयारी भी था। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 साल में पहली नेपाल यात्रा करने वाला है। दिवंगत प्रधानमंत्री आईके गुजराल 1997 में नेपाल यात्रा पर आए थे।
सुषमा की इस यात्रा के दौरान भारत ने नेपाल से कहा कि भारत की नई सरकार दोनों देशों के बहुआयामी आपसी संबंधों को नई गति को काफी इच्छुक है। दोनों देशों ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार व पनबिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों पक्षों ने 1950 की शांति व मित्रता की संधि की समीक्षा व उसमें समायोजन पर भी सहमति जताई है, ताकि वह वर्तमान वास्तविकताओं को परिलक्षित कर सके।
संयुक्त आयोग ने विदेश सचिवों को इस बारे में आवश्यक सिफारिशें करने को कहा है। आयोग ने नेपाल-भारत सीमा कार्यसमूह को जमीनी कार्य जल्द से जल्द शुरू करने को भी कहा है। यह फैसला भारत नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता सुषमा व नेपाली विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे ने संयुक्त रूप से की। दोनों नेताओं ने नेपाल की पनबिजली क्षमताओं का आपसी हितों के लिए दोहन करने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने अधिकारियों से बिजली व्यापार करार (पीटीए) के मसौदे को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।
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