पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)
लंदन:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि देर-सवेर ही सही, भारत को उनके 'व्यवहारिक और तर्कसंगत' सुझावों पर गौर करना ही होगा, जिनमें सभी महत्वपूर्ण मुद्दों का बातचीत के जरिये समाधान करने का आह्वान किया गया है।
शरीफ ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आतंकवाद संबंधी घटनाओं में भारत की संलिप्तता गंभीर विषय है और उनकी सरकार के पास इस संबंध में 'पुख्ता प्रमाण' हैं, जो न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान दुनिया के साथ साझा किए गए।
पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, पाकिस्तान के खिलाफ छद्म युद्ध रोका जाना चाहिए, क्योंकि इससे किसी का उद्देश्य पूरा नहीं होगा और कोई अच्छा रास्ता नहीं निकलेगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करने के बाद वह लंदन आए थे।
'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत को आगे बढ़ने के लिए केवल 'तर्कसंगत और व्यवहारिक सुझाव' दिए।
शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में बुधवार को भारत के साथ चार सूत्रीय 'शांति पहल' का प्रस्ताव दिया था, जिसमें कश्मीर का विसैन्यीकरण और सियाचिन से बलों की 'बिना शर्त और परस्पर वापसी' शामिल था।
उन्होंने शनिवार को कहा कि दोनों देशों को सभी मुद्दों के संबंध में एक संतुलित रुख अपनाने की जरूरत है, क्योंकि करीब 70 साल से अधिक समय से चली आ रही शत्रुता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकले हैं।
शरीफ ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आतंकवाद संबंधी घटनाओं में भारत की संलिप्तता गंभीर विषय है और उनकी सरकार के पास इस संबंध में 'पुख्ता प्रमाण' हैं, जो न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान दुनिया के साथ साझा किए गए।
पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, पाकिस्तान के खिलाफ छद्म युद्ध रोका जाना चाहिए, क्योंकि इससे किसी का उद्देश्य पूरा नहीं होगा और कोई अच्छा रास्ता नहीं निकलेगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करने के बाद वह लंदन आए थे।
'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत को आगे बढ़ने के लिए केवल 'तर्कसंगत और व्यवहारिक सुझाव' दिए।
शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में बुधवार को भारत के साथ चार सूत्रीय 'शांति पहल' का प्रस्ताव दिया था, जिसमें कश्मीर का विसैन्यीकरण और सियाचिन से बलों की 'बिना शर्त और परस्पर वापसी' शामिल था।
उन्होंने शनिवार को कहा कि दोनों देशों को सभी मुद्दों के संबंध में एक संतुलित रुख अपनाने की जरूरत है, क्योंकि करीब 70 साल से अधिक समय से चली आ रही शत्रुता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकले हैं।
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