वाशिंगटन:
मुम्बई हमले के संदिग्ध, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर हुसैन राणा के मुकदमे की सुनवाई शिकागो में सोमवार से शुरू हो रही है। राणा के मुकदमे से पाकिस्तान का आतंकवादियों से रिश्ता बेनकाब हो सकता है। ये बातें अमेरिकी मीडिया रपटों में कही गई हैं। यद्यपि सुनवाई केवल राणा के खिलाफ होने जा रही है, लेकिन उसके स्कूली मित्र डेविड कोलमैन हेडली की कहानी पाकिस्तान के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। हेडली ने 26 नवम्बर 2008 के आतंकवादी हमले में अपनी भूमिका स्वीकार करने के बाद सरकारी गवाह बन गया है। समाचार पत्र 'न्यूयार्क टाइम्स' ने रविवार को लिखा, "जो भी वह खुलासा करता है, उससे यह संदेह और गहरा हो सकता है कि पाकिस्तानी गुप्तचर आतंकवादियों से मिले हुए हैं और यह स्थिति वाशिंगटन व इस्लामाबाद के बीच रिश्ते में खटास ला सकती है।" हेडली ने कहा है कि मुम्बई हमले के दो वर्ष पूर्व उसने हमले के लिए जमीनी कार्य करने शुरू किए थे। पाकिस्तानी खुफिया सेवा के एक अधिकारी ने उसे इस काम के लिए 25,000 अमेरिकी डॉलर दिए थे। अखबार ने लिखा है, "हेडली ने भारतीय जांचकर्ताओं को बताया था कि वह अधिकारी केवल मेजर इकबाल के नाम से जाना जाता था और उसने 'भारत में हमले की मेरी पूरी योजना को सुनी थी।' इंटर सर्विसिज इंटेलिजेंस के एक अन्य अधिकारी ने 'मुझे वित्तीय मदद का भरोसा दिया था।" लेकिन अखबार ने एक अनाम अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा है, "अमेरिका सरकार हेडली की बातों पर संदेह करती है, जैसा कि उसकी ज्यादातर बातें आईएसआई के इर्द-गिर्द घूमती है।" अखबार ने अधिकारी के हवाले से लिखा है, "वाशिंगटन में इस बात पर कोई मतैक्य नहीं बन पाया है कि आईएसआई ने हेडली को और मुम्बई हमले के लिए दिशानिर्देश दिए थे या नहीं। यह बहुत स्पष्ट नहीं है। ये सारी बातें सुनवाई के दौरान सामने आएंगी। उसका दावा महज दावा ही बना रह सकता है।" दूसरी ओर समाचार पत्र 'वाल स्ट्रीट जर्नल' ने लिखा है कि हेडली यह गवाही दे सकता है कि आईएसआई मुम्बई हमले की साजिश में सीधे शामिल था, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया।
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राणा, बेनकाब, पाक