भारत में बदलाव के लिए बड़ी उम्मीदें होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को नए वैश्विक निर्माण केंद्र में परिवर्तित करने के उद्देश्य से हमारा देश कारोबार और विचारों के लिए न केवल उदार रहेगा, बल्कि उसका रवैया भी दोस्ताना रहेगा।
प्रधानमंत्री ने 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' में प्रकाशित आलेख (Op-Ed) में लिखा, भारत अपने अंतरराष्ट्रीय मित्रों के साथ भागीदारी से अपने सपनों को सच करेगा। मोदी ने कहा, इतिहास हमें बताता है कि भारत का विश्व के प्रति स्वाभाविक रुख उदारता का रहा है। व्यवसाय, विचारों, अनुसंधान, नवोन्मेष और यात्रा के लिए भारत उदार तथा मित्रवत रहेगा।
उन्होंने कहा, आगामी महीनों में, यहां तक कि आप अपनी भारत यात्रा शुरू करने से पहले अलग महसूस करेंगे। अमेरिका की अपनी पांच दिन की पहली यात्रा पर न्यूयॉर्क पहुंच रहे प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में परिवर्तन के लिए उम्मीद की जबर्दस्त लहर है।
मोदी ने कहा कि 1.25 अरब लोगों ने इस साल मई में राजनीतिक स्थिरता, सुशासन और तीव्र विकास के लिए स्पष्ट आवाज उठाई। भारत में 30 साल में पहली बार लोकसभा में बहुमत वाली सरकार आई है। उन्होंने कहा, 35 साल से कम उम्र के 80 करोड़ लोगों वाला युवा देश भारत आशावाद और विश्वास से भरा है। युवा लोगों की ऊर्जा, उत्साह और उद्यमशीलता भारत की सबसे बड़ी शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन आकांक्षाओं को पूरा करना उनकी सरकार का सबसे बड़ा मिशन है। मोदी ने कहा, हम अनावश्यक कानूनों और नियमनों को हटाकर, नौकरशाही प्रक्रियाओं को आसान और संक्षिप्त कर, तथा यह सुनिश्चित करते हुए इस मिशन पर बढ़ेंगे कि हमारी सरकार अधिक पारदर्शी, प्रतिक्रियाशील और जवाबदेह है। उन्होंने कहा, कहा गया है कि चीजों को सही करना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि सही चीज करना।
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