टाइम पत्रिका के सालाना 'पर्सन ऑफ द ईयर' के खिताब के लिए चुनी गई आठ हस्तियों में जगह नहीं बना सके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्रिका द्वारा कराए गए ऑनलाइन पोल में इसके पाठकों ने यह उपाधि दी है।
मोदी को पोल में पड़े करीब 50 लाख वोटों में से 16 फीसदी से ज्यादा वोट मिले और वह टाइम 'पर्सन ऑफ द ईयर' के लिए इस साल हुए पाठकों के पोल के विजेता रहे।
अमेरिका में अगस्त में निहत्थे अश्वेत किशोर माइकल ब्राउन की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी श्वेत पुलिस अधिकारी डेरन विल्सन पर मुकदमा नहीं चलाने के ग्रैंड ज्यूरी के फैसले के खिलाफ फर्ग्युसन में विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को 9 प्रतिशत वोट मिले।
टाइम ने कहा, 'भारत के पाठकों की मजबूत हिस्सेदारी' से मोदी को पहले स्थान पर पहुंचने में मदद मिली। पत्रिका ने कहा, 'किसी अन्य देश से ज्यादा वोट भारत के लोगों ने किया, इसमें केवल अमेरिका अपवाद है।'
ऑनलाइन पोल में तकरीबन 200 देशों के पाठकों ने भाग लिया। अमेरिकियों ने 37 प्रतिशत वोट डाले, जिसके बाद भारतीयों ने 17 प्रतिशत और रूस ने 12 फीसदी वोट डाले।
हालांकि मोदी टाइम के संपादकों द्वारा 2014 के पर्सन ऑफ द ईयर के खिताब के लिए चुने गए आठ लोगों की सूची में जगह नहीं बना सके जिसकी घोषणा बुधवार को होगी।
टाइम संपादक नैन्सी गिब्स ने आज आठ फाइनलिस्ट के नाम की घोषणा की। इनमें अलीबाबा समूह के संस्थापक और सीईओ जैक मा, एपल के सीईओ टिम कुक, पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट, फग्यरुसन प्रदर्शनकारी, रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, इबोला चिकित्सक, नेशनल फुटबॉल लीग के कमिश्नर रोजनर गुडेल और इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र के राष्ट्रपति मसूद बरजानी हैं।
साल 1927 से दिया जाने वाला यह सालाना सम्मान उस साल में अच्छे या बुरे के लिए खबरों को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले शख्स को दिया जाता है। मोदी इस सम्मान के 50 अंतरराष्ट्रीय दावेदारों में शुमार थे।
एक अलग 'फेस-ऑफ' पोल में मोदी का मुकाबला इंडोनेशिया के नये राष्ट्रपति जोको विदोदो से था। इस पोल में भी मोदी ने अच्छी खासी बढ़त बनाई और विदोदो के 31 प्रतिशत वोटों के मुकाबले भारतीय प्रधानमंत्री को 69 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला।
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