भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस के द लुवर में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। मोदी के संबोधन से जुड़े कुछ महत्तवपूर्ण अंश :
- पीएम नरेंद्र मोदी ने पेरिस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पहले आया था फ्रांस देखने आज यह सोचता हूं कि मेरा देश इससे भी आगे कैसे बढ़ेगा।
- उन्होंने कहा कि आज मैंने शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। लेकिन अगर मैं वहां जाता तो एक पीड़ा रहती। दुनिया को पता नहीं है कि हिंदुस्तान त्याग और तपस्या की भूमि कही जाती है। मेरे मन में अलग सा भाव जगने लगा। उन्हें याद कर ऐसा लगता है कि वे महान परंपरा छोड़कर गए हैं। यह प्रथम विश्वयुद्ध को याद कर पता चलता है।
- भारत में भी हमारे पूर्वजों के बलिदान की बातें बारीकी से बताई नहीं जाती। इतिहास जो समाज भूल जाता है वह इतिहास बनाने की ताकत खो देता है। इतिहास वही बनाते हैं जो इतिहास को जानते हैं, समझते हैं।
- प्रथम विश्वयुद्ध में भारत के 14 लाख जवानों ने अपनी जिंदगी दांव पर लगाई थी। चार साल चली इस लड़ाई में भारतीयों ने इसलिए भाग नहीं लिया की भारत को विस्तार करना था। प्रथम विश्व युद्ध में भारत के 75 हजार जवानों ने शहादत दी थी। उनमें 11 ऐसे वीर थे जिन्होंने विक्टोरिया क्रास का सर्वोपरि सम्मान प्राप्त किया था। फ्रांस की धरती पर नौ हजार से ज्यादा शहीद हुए थे जिनकी स्मृति पर यह स्मारक बना है। भारत ने आज तक आक्रमण नहीं किया।
- मैं दुनिया को संदेश देना चाहता था कि विश्व भारत को समझे, कि भारत अपने लिए नहीं औरों के लिए बलिदान देता है। उन्होंने कहा कि यूएन बनने के बाद पीसकीपिंग फोर्स बना और इसमें सबसे ज्यादा योगदान भारतीय सैनिकों का है। उन्होंने कहा कि इस फोर्स में भी भारतीय सैनिकों की तारीफ होती है।
- शांति के लिए जीने मरने वाला ये देश में यूएन में सुरक्षा परिषद में जगह पाने के लिए तरस रहा है। दुनिया से मैं आग्रह करूंगा कि आज अवसर है शांतिदूतों के सम्मान का। गांधी बुद्ध की धरती को सम्मान देने का। यह हमारा हक है। हम किसी से भीख नहीं मांग रहे। विश्व में गांधी और बुद्ध की धरती ही शांति का संदेश देने की नैतिक ताकत रखती है।
- भारतीय जहां भी हैं वह अब भी भारतीय हैं। इस बार फ्रेंच भाषा जानने वाले भारतीय के साथ अलग से बैठक की गई। उनकी समस्याओं के सुनने औ समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।
- मोदी ने कहा कि अगर हमारा मूल परंपरा से नाता छूट जाता है तो नुकसान होता है। कुछ देशों में अंग्रेजी के कारण कुछ कनेक्टेविटी रहती है। परंपरा से जुड़े रहना चाहिए। आजकल इंटरनेट का जमाना है, सोशल मीडिया का जमाना है, आप कभी भी संपर्क कर सकते हैं।
अपने अब तक पीएम के अनुभव से कह सकता हूं कि सारे सपने पूरे होंगे। हिंदुस्तान के गरीब रहने का कोई कारण नहीं है। स्वामी विवेकानंद की बात को कहते हुए उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरु बनेगा। फ्रांस में विकेकानंद ने कहा था कि फ्रांस के हाथ में यूरोप की सभ्यता की नेतृत्व क्षमता है। फ्रांस से यूरोप की सभ्यता की पहचान होती है।
मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 2 दिनों में मैंने केवल 10 बार यह कहा होगा, लेकिन यहां के लोगों के बीच ज्यादा चर्चा है। रेलवे में 100 फीसदी विदेशी निवेश की छूट दी है। विश्व में जो भी श्रेष्ठ है वह हिंदुस्तान की धरती पर होना चाहिए।
रेलवे में हिंदुस्तान को जोड़ने की ही नहीं दौड़ाने की ताकत है। हमारे यहां शहरों के बीच से रेल चलती है। दुनिया के लोगों को भारत की विशालता की पहचान नहीं है। हमारी यही कोशिश है कि दुनिया हमें जाने और माने।
आर्थिक विकास के पैरामीटर में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है। हर जगह एक ही आवाज है आज हिंदुस्तान सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है। अवसर है और हमें इसका फायदा उठाना है। मैं चाहता हूं देश के नौजवान को वहीं रोजगार मिले। इस लिए सभी को विकास का लाभ मिले।
दुनिया में कारखाने लगाने के लिए जगह मिलेगी लेकिन काम करने के लिए दुनिया में अगर जगह होगी तो वह भारत में होगी। भारत ही वर्क फोर्स उपलब्ध कराएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि कुशल नौजवान भारत की ताकत हैं। हम यह मानते हैं पूरा विश्व हमारा है। फ्रांस के साथ मिलकर हम बहुत कुछ कह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जो भारत के नौजवान यहां पढ़ने आते थे अब उन्हें तुरंत वापस जाने की जरूरत नहीं होगी। जो युवा चाहेंगे वह यहां पर कुछ समय के लिए काम कर सकेंगे। इस संबंध में फ्रांस की सरकार से बात हो गई है।
कोयला घोटाला का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 204 कोयले की खदानें ऐसे ही दे दी गईं। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद तमाम दिक्कतों का आभास हुआ और 31 मार्च से पहले काफी काम पूरा कर लिया गया। कोयले में 1.76 लाख करोड़ का घोटाला होने की बात सीएजी ने कही। यकीन नहीं था, लेकिन जब नीलामी हुई मात्र 20 कोयला खदान से दो लाख करोड़ रुपया सरकारी खजाने में आया।
उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार अपने पूरे कार्यकाल में यही काम कर ले तो भी लोग कहेंगे आप 25 साल तक सरकार चलाओ। केंद्र ने इस पैसे को राज्यों को देने का निर्णय लिया ताकि विकास हो, गरीबी दूर हो। कोयले के पैसे बिहार, उड़ीसा आदि को जाएंगे जहां विकास होना है। जो पीछे हैं। देश के पूर्वी हिस्से में विकास की जरूरत है।
पीएम ने कहा कि पश्चिमी राज्यों की बराबरी में पूर्व के राज्यों को लाना है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आपने जैसा चाहा है वैसा ही हिंदुस्तान बनेगा।
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