पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
अमेरिका के एक शीर्ष पत्रकार ने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में अपनी गवाही में कहा कि पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ, बेनजीर की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने उनको मिल रही जान से मारने की धमकियों के बारे में मुशर्रफ को बताया था।
1 अक्टूबर को रिकॉर्ड किए गए चार पन्नों के बयान में अमेरिकी पत्रकार मार्क सीगल ने कहा कि एक खाड़ी देश की खुफिया एजेंसी ने एक कॉल पकड़ी थी, जिसमें भुट्टो को मारने की योजना के बारे में चर्चा की जा रही थी।
फोन कॉल के मुताबिक, मुशर्रफ के तीन साथी उस योजना का हिस्सा थे। सीगल का बयान रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधक अदालत में रिकॉर्ड हुआ है। यह बयान वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास से एक वीडिया लिंक के जरिये रिकॉर्ड किया गया।
'जियो न्यूज' ने उनके हवाले से कहा कि मुशर्रफ (72) बेनजीर की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने उनको मिल रही जान से मारने की धमकियों के बारे में मुशर्रफ को बताया था।
अमेरिकी पत्रकार ने यह भी बताया कि बेनजीर ने मुशर्रफ से गुजारिश की थी वह एक विदेशी सुरक्षा दल को पाकिस्तान लाने की इजाजत दें। पूर्व राष्ट्रपति ने विदेशी सुरक्षा दल और काले शीशों वाली कार के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था।
सीगल ने अपने बयान में कहा कि उन्हें पता चला था कि कारसाज त्रासदी के दौरान बेनजीर की सुरक्षा के लिए दिए मोबाइल जैमर काम नहीं कर रहे थे। गौरतलब है पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर की रावलपिंडी में दिसंबर, 2007 में एक बम हमले में हत्या कर दी गई थी। उस वक्त देश के राष्ट्रपति मुशर्रफ थे। मुशर्रफ के खिलाफ मामले में एक आरोप तय किया गया है, लेकिन पूर्व जनरल ने अपने खिलाफ लगे इल्जामों को खारिज किया है।
1 अक्टूबर को रिकॉर्ड किए गए चार पन्नों के बयान में अमेरिकी पत्रकार मार्क सीगल ने कहा कि एक खाड़ी देश की खुफिया एजेंसी ने एक कॉल पकड़ी थी, जिसमें भुट्टो को मारने की योजना के बारे में चर्चा की जा रही थी।
फोन कॉल के मुताबिक, मुशर्रफ के तीन साथी उस योजना का हिस्सा थे। सीगल का बयान रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधक अदालत में रिकॉर्ड हुआ है। यह बयान वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास से एक वीडिया लिंक के जरिये रिकॉर्ड किया गया।
'जियो न्यूज' ने उनके हवाले से कहा कि मुशर्रफ (72) बेनजीर की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने उनको मिल रही जान से मारने की धमकियों के बारे में मुशर्रफ को बताया था।
अमेरिकी पत्रकार ने यह भी बताया कि बेनजीर ने मुशर्रफ से गुजारिश की थी वह एक विदेशी सुरक्षा दल को पाकिस्तान लाने की इजाजत दें। पूर्व राष्ट्रपति ने विदेशी सुरक्षा दल और काले शीशों वाली कार के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था।
सीगल ने अपने बयान में कहा कि उन्हें पता चला था कि कारसाज त्रासदी के दौरान बेनजीर की सुरक्षा के लिए दिए मोबाइल जैमर काम नहीं कर रहे थे। गौरतलब है पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर की रावलपिंडी में दिसंबर, 2007 में एक बम हमले में हत्या कर दी गई थी। उस वक्त देश के राष्ट्रपति मुशर्रफ थे। मुशर्रफ के खिलाफ मामले में एक आरोप तय किया गया है, लेकिन पूर्व जनरल ने अपने खिलाफ लगे इल्जामों को खारिज किया है।
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