न्यूयॉर्क:
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की टिप्पणियों को खारिज करते हुए भारत ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार, शांतिपूर्वक अपना भाग्य चुना है।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और इस मुद्दे पर देश का रुख अच्छी तरह पता है।
जरदारी की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हमने पाकिस्तान के राष्ट्रपति के बयान में जम्मू-कश्मीर का संदर्भ देखा है। इस मुद्दे पर हमारा सैद्धांतिक रुख यथावत है और सबको अच्छी तरह पता है। उन्होंने कहा, भारत के अभिन्न हिस्से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतांत्रक परंपराओं के अनुसार, शांतिपूर्वक अपना भाग्य चुना है। यह क्रम जारी है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर उस समय कश्मीर का मुद्दा उठाया जब जरदारी ने महासभा में अपने संबोधन में कहा, कश्मीर संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था की मजबूती के बजाय असफलताओं का प्रतीक बना हुआ है। जरदारी ने कहा कि भूभागीय विवादों पर उनके देश का सैद्धांतिक रुख इसकी सुदृढ़ विदेश नीति पर आधारित है और कश्मीर मुद्दे का समाधान केवल सहयोग के माहौल में ही हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा बार-बार उठाता रहा है, लेकिन भारत ने इसे अपना अंदरुनी मामला बनाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी कश्मीर मुद्दे के किसी ‘बाहरी’ समाधान से इनकार करते हुए जुलाई में एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों का समाधान दोनों देशों के मध्य ही किया जा सकता है।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और इस मुद्दे पर देश का रुख अच्छी तरह पता है।
जरदारी की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हमने पाकिस्तान के राष्ट्रपति के बयान में जम्मू-कश्मीर का संदर्भ देखा है। इस मुद्दे पर हमारा सैद्धांतिक रुख यथावत है और सबको अच्छी तरह पता है। उन्होंने कहा, भारत के अभिन्न हिस्से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतांत्रक परंपराओं के अनुसार, शांतिपूर्वक अपना भाग्य चुना है। यह क्रम जारी है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर उस समय कश्मीर का मुद्दा उठाया जब जरदारी ने महासभा में अपने संबोधन में कहा, कश्मीर संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था की मजबूती के बजाय असफलताओं का प्रतीक बना हुआ है। जरदारी ने कहा कि भूभागीय विवादों पर उनके देश का सैद्धांतिक रुख इसकी सुदृढ़ विदेश नीति पर आधारित है और कश्मीर मुद्दे का समाधान केवल सहयोग के माहौल में ही हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा बार-बार उठाता रहा है, लेकिन भारत ने इसे अपना अंदरुनी मामला बनाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी कश्मीर मुद्दे के किसी ‘बाहरी’ समाधान से इनकार करते हुए जुलाई में एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों का समाधान दोनों देशों के मध्य ही किया जा सकता है।
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