
पेरिस समझौते से हटा अमेरिका
Quick Take
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2015 में हुआ था पेरिस क्लाइमेट समझौता
जलवायु परिवर्तन कम करने की कोशिशों को झटका लगेगा
अमेरिका सबसे बड़ा कार्बन एमिशन करने वाला देश
ट्रंप ने कहा कि नागरिकों के प्रति मेरे कर्तव्य के तहत, यूएस पेरिस क्लाइमेट कंट्रोल समझौते से बाहर जा रहा है. अच्छा विवेक एक ऐसे सौदे का समर्थन नहीं करता जो अमेरिका को सज़ा देता हो.
अमेरिका का जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस एग्रिमेंट से हाथ खींचना बहुत दुखद है. इससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के वैश्विक प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को गहरा झटका लगेगा. UN के महासचिव को भरोसा है कि पेरिस एग्रीमेंट के बाकी सभी देश इस मसले पर अपना सहयोग जारी रखेंगे.
यूएस के फैसले की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. फ़्रांस, जर्मनी, इटली ने यूएस के इस कदम पर एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि पेरिस जलवायु समझौते पर फ़िर से बातचीत नहीं हो सकती. फ़्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है कि इस मसले पर कोई प्लान बी नहीं हो सकता क्योंकि कोई दूसरा प्लेनेट B का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.
किसी भी परिस्थिति में पेरिस जलवायु समझौते पर फ़िर से बातचीत नहीं हो सकती है. हमने इस समझौते में हस्ताक्षर करने वाले देशों से बातचीत की है और समझौते का हिस्सा बने रहने का आग्रह किया है ताकि हमें जलवायु के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का अहसास रहे.
क्या है पेरिस समझौता?
2015 में हुआ पेरिस क्लाइमेट समझौता
समझौते में 195 देश का साथ
मकसद है कार्बन एमिशन में कमी लाना
ग्लोबलवॉर्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक नीचे लाने का लक्ष्य
बाद में इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ले जाने के लिए प्रयास
अमेरिका को 26% कार्बन एमिशन कम करने के लक्ष्य
अमेरिका को गरीब देशों इसपर अमल के लिए 3 बिलियन डॉलर देने पर सहमति
किसका क्या रुख़?
पेरिस समझौते पर भारत अमल करता रहेगा भले ही अमेरिका इससे अलग हो जाए
पेरिस समझौते के साथ चीन क़ायम रहेगा, चीन का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से बचाव वैश्विक ज़िम्मेदारी है.
पेरिस डील पर अमल के लिए रूस भी तैयार. रूस का कहना है कि हम देशों के हाथ खींचने से पेरिस डील का प्रभाव घटेगा.
ब्रिटेन भी पेरिस डील पर अमल करता रहेगा. अमेरिका से ब्रिटेन कार्बन एमिशन कम करने की अपील करेगा.
यूरोपियन यूनियन भी पेरिस डील पर कायम रहेगा. स्वच्छ ऊर्जा के लिए यूरोपियन यूनियन प्रतिबद्ध है.
अमेरिका के डील तोड़ने का असर
अमेरिका सबसे बड़ा कार्बन एमिशन करने वाला देश
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन कम करने की कोशिशों को झटका लगेगा
अमेरिका से ग़रीब देशों को मिलने वाली रकम पर असमंजस
समझौते के मुताबिक- ग़रीब देशों को अमेरिका फंडिंग कर रहा था
हर देश ने कार्बन एमिशन कम करने के लिए लक्ष्य तय किए
भारत ने 2005 के मुक़ाबले 2030 में 35% तक कार्बन एमिशन कम करने का लक्ष्य रखा था
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