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This Article is From Apr 17, 2025

13 लाख की भारतीय सेना भी... पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने फिर अलापा कश्मीर राग, पढ़ें और क्या कुछ कहा

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख ने कश्मीरियों को लेकर अपने समर्थन को भी दोहराया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि हम कश्मीर को अलग रखकर नहीं चल सकते.

13 लाख की भारतीय सेना भी... पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने फिर अलापा कश्मीर राग, पढ़ें और क्या कुछ कहा
पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अलापा कश्मीर राग

पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापना शुरू कर दिया है. इस बार पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असमी मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताया है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने दावा किया है कि कश्मीर को कोई भी ताकत अलग नहीं कर सकती है. साथ ही उन्होंने कश्मीरियों के प्रति पाकिस्तानी सेना के समर्थन को भी दोहराया है. 

विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों की एक सभा को संबोधित करते हुए जनरल मुनीर ने कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति से जुड़े हैं. उन्होंने आगे कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए. हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं. हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं. यही वह आधार था जिस पर दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई थी. 

टू नेशन थियोरी स्वतंत्रता से पहले के वर्षों में मुसलमानों के लिए एक अलग राज्य की मांग करने वाले आंदोलन का आधार था. इस आंदोलन का नेतृत्व,अन्य लोगों के अलावा, मुहम्मद अली जिन्ना ने किया था,जो पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने. दो-राष्ट्र सिद्धांत भारत और पाकिस्तान के साझा इतिहास और विरासत के विचार के विपरीत है और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के भी खिलाफ है.

जनरल मुनीर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दो राष्ट्र हैं.हम एक राष्ट्र नहीं हैं. इसलिए हमारे पूर्वजों ने इस देश को बनाने के लिए संघर्ष किया. हमारे पूर्वजों और हमने इस देश के निर्माण के लिए बहुत त्याग किया है. हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है. मेरे प्यारे भाइयों, बहनों, बेटियों और बेटों, कृपया पाकिस्तान की इस कहानी को मत भूलना. अपनी अगली पीढ़ी को यह कहानी सुनाना मत भूलना ताकि पाकिस्तान के साथ उनका रिश्ता कभी कमज़ोर न पड़े. 

जनरल मुनीर ने कहा कि कई लोगों को डर है कि आतंकवादी गतिविधियों के कारण पाकिस्तान को निवेश नहीं मिलेगा. क्या आपको लगता है कि आतंकवादी देश की नियति को छीन सकते हैं? 1.3 मिलियन की मजबूत भारतीय सेना, अपनी सारी ताकत के साथ,अगर वे हमें डरा नहीं सकते, तो क्या आपको लगता है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं को दबा सकते हैं?

पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलनों पर सेना कड़ी कार्रवाई करेगी.बलूचिस्तान पाकिस्तान का गौरव है, आप इसे इतनी आसानी से छीन लेंगे? आप इसे 10 पीढ़ियों में भी नहीं छीन पाएंगे. इंशाअल्लाह, हम इन आतंकवादियों को बहुत जल्द हरा देंगे. पाकिस्तान नहीं गिरेगा. कश्मीर के बारे में बोलते हुए जनरल मुनीर ने कहा कि हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी, हम इसे नहीं भूलेंगे. हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे.

क्या है इसके मायनें

ऐसे देश के लिए जहां सेना का नेतृत्व अक्सर राजनीति में उलझा रहता है, जनरल मुनीर की टिप्पणी ने कई मुद्दों पर इस्लामाबाद के रुख को निर्धारित किया है. खासकर भारत के साथ संबंधों के प्रति उसके दृष्टिकोण को. उन्होंने टू नेशन थियोरी को मजबूत किया है, देश के लिए चुनौतीपूर्ण समय में राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तानियों के लिए अपनेपन की भावना को पर भी बल दिया. उनकी टिप्पणी सशस्त्र बलों को पाकिस्तान की इस्लामी पहचान और संप्रभुता के रक्षक के रूप में भी स्थापित करती है. कश्मीर के बयानों से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह मुद्दा भारत-पाक संघर्ष के केंद्र में बना हुआ है और इस्लामाबाद अपने रुख को नरम करने की कोई योजना नहीं बना रहा है.

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