कराची:
पाकिस्तान में सरकार संचालित समाचार एजेंसी में एक हिंदू संवाददाता को अलग गिलास में पानी पीने को मजबूर किया गया और उसकी जाति-धर्म जानने के बाद उनके सहयोगियों ने अपने कार्यस्थल पर दूसरे मुसलमान कर्मचारियों के साथ बरतन साझा करने पर रोक लगा दिया।
'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के मुताबिक, एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के वरिष्ठ संवाददाता साहिब खान ओद को कार्यालय में दूसरे मुस्लिम कर्मचारियों के साथ एक गिलास में पानी पीने और बरतन साझा करने से रोक दिया गया। दादू जिले के रहने वाले ओद को शुरूआत में एपीपी के इस्लामाबाद में संवाददाता के तौर पर नियुक्त किया गया और फिर हैदराबाद तथा इस साल अप्रैल में कराची तबादला कर दिया गया।
भेदभाव वाला रूख तब शुरू हुआ जब एक दिन ओद के छोटे बेटे राज कुमार उनके कार्यालय पहुंचे और हर किसी को पता चल गया कि वह हिंदू हैं। अखबार ने उनके हवाले से कहा, 'दरअसल मेरे नाम में खान लगा है इसलिए दफ्तर में हर किसी को लगा कि मैं मुस्लिम हूं।' उन्होंने दावा किया, 'ब्यूरो चीफ ने कुछ सहयोगियों की आपत्ति के कारण कार्यालय में मुझे अपना पानी का गिलास अलग रखने को कहा।'
रमजान शुरू होने के कारण ओद को इफ्तार के समय एक मेज पर नहीं बैठने दिया गया और वरिष्ठ सहयोगियों ने सुझाव दिया कि अगर वह कार्यालय में खाना चाहते हैं तो अपना प्लेट और गिलास खुद लाएं। उन्होंने कहा, 'मैं अब दफ्तर में अलग गिलास और एक प्लेट ला चुका हूं।' उन्होंने कहा एपीपी कराची ब्यूरो प्रमुख परवेज असलम ने इस तरह के अनुरोध से इंकार किया। उन्होंने कहा, 'वह फ्लू से पीड़ित थे, इसलिए हमने अलग गिलास की व्यवस्था करने को कहा।' असलम ने कहा कि जब हैदराबाद से उनका तबादला हुआ था तो उन्होंने ओद का समर्थन किया था और भेदभाव के आरोपों को प्रचार का हथकंडा करार दिया।
उन्होंने कहा, 'आप मेरे कार्यालय आइये और देखिए कि वह हमारे साथ इफ्तार में खाते हैं।' बहरहाल, एपीपी के प्रबंध निदेशक मसूद मलिक ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है।
श्रम अधिकारों के लिए काम करने वाला संगठन पाकिस्तान इंस्ट्टियूट ऑफ लेबर एडुकेशन एंड रिसर्च (पिलर) ने भेदभाव के रूख के खिलाफ संघीय सूचना मंत्री परवेज राशिद को एक पत्र लिखा है। पिलर के कार्यकारी निदेशक करमत अली ने कहा, 'हम सचमुच हैरान हैं कि सरकारी समाचार एजेंसी के ब्यूरो चीफ ने एक संवाददाता पर इसलिए अलग गिलास में पानी पीने के लिए दबाव बनाया क्योंकि वह हिंदू हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के मुताबिक, एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के वरिष्ठ संवाददाता साहिब खान ओद को कार्यालय में दूसरे मुस्लिम कर्मचारियों के साथ एक गिलास में पानी पीने और बरतन साझा करने से रोक दिया गया। दादू जिले के रहने वाले ओद को शुरूआत में एपीपी के इस्लामाबाद में संवाददाता के तौर पर नियुक्त किया गया और फिर हैदराबाद तथा इस साल अप्रैल में कराची तबादला कर दिया गया।
भेदभाव वाला रूख तब शुरू हुआ जब एक दिन ओद के छोटे बेटे राज कुमार उनके कार्यालय पहुंचे और हर किसी को पता चल गया कि वह हिंदू हैं। अखबार ने उनके हवाले से कहा, 'दरअसल मेरे नाम में खान लगा है इसलिए दफ्तर में हर किसी को लगा कि मैं मुस्लिम हूं।' उन्होंने दावा किया, 'ब्यूरो चीफ ने कुछ सहयोगियों की आपत्ति के कारण कार्यालय में मुझे अपना पानी का गिलास अलग रखने को कहा।'
रमजान शुरू होने के कारण ओद को इफ्तार के समय एक मेज पर नहीं बैठने दिया गया और वरिष्ठ सहयोगियों ने सुझाव दिया कि अगर वह कार्यालय में खाना चाहते हैं तो अपना प्लेट और गिलास खुद लाएं। उन्होंने कहा, 'मैं अब दफ्तर में अलग गिलास और एक प्लेट ला चुका हूं।' उन्होंने कहा एपीपी कराची ब्यूरो प्रमुख परवेज असलम ने इस तरह के अनुरोध से इंकार किया। उन्होंने कहा, 'वह फ्लू से पीड़ित थे, इसलिए हमने अलग गिलास की व्यवस्था करने को कहा।' असलम ने कहा कि जब हैदराबाद से उनका तबादला हुआ था तो उन्होंने ओद का समर्थन किया था और भेदभाव के आरोपों को प्रचार का हथकंडा करार दिया।
उन्होंने कहा, 'आप मेरे कार्यालय आइये और देखिए कि वह हमारे साथ इफ्तार में खाते हैं।' बहरहाल, एपीपी के प्रबंध निदेशक मसूद मलिक ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है।
श्रम अधिकारों के लिए काम करने वाला संगठन पाकिस्तान इंस्ट्टियूट ऑफ लेबर एडुकेशन एंड रिसर्च (पिलर) ने भेदभाव के रूख के खिलाफ संघीय सूचना मंत्री परवेज राशिद को एक पत्र लिखा है। पिलर के कार्यकारी निदेशक करमत अली ने कहा, 'हम सचमुच हैरान हैं कि सरकारी समाचार एजेंसी के ब्यूरो चीफ ने एक संवाददाता पर इसलिए अलग गिलास में पानी पीने के लिए दबाव बनाया क्योंकि वह हिंदू हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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