पाकिस्तान कोर्ट ने 'गैर-इस्लामिक' विवाह मामले में जेल में बंद इमरान खान को भेजा समन: रिपोर्ट

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में सिविल जज कुदरतुल्लाह ने अटक जेल को एक आदेश जारी किया है. जिसमें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि इमरान खान ( Imran Khan) को अदालत के सामने पेश किया जाए.

पाकिस्तान कोर्ट ने 'गैर-इस्लामिक' विवाह मामले में जेल में बंद इमरान खान को भेजा समन: रिपोर्ट

पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान तोशाखाना मामले (Imran Khan Toshakhana case) में दोषी ठहराए जाने के बाद अटक जेल में बंद हैं.

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. गुरुवार को इस्लामाबाद की एक स्थानीय अदालत ने इमरान खान को बुशरा बीबी के साथ उनके कथित 'गैर-इस्लामी' विवाह  (un-Islamic marriage) से जुड़े एक मामले में 25 सितंबर को समन भेजकर पेश होने के लिए कहा है. पाकिस्तान स्थित द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक्सप्रेस न्यूज का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है. 

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में सिविल जज कुदरतुल्लाह ने अटक जेल को एक आदेश जारी किया है. जिसमें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि इमरान खान को अदालत के सामने पेश किया जाए.

तोशाखाना मामले में इमरान खान जेल में बंद

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान तोशाखाना मामले (Toshakhana case) में दोषी ठहराए जाने के बाद अटक जेल में बंद हैं. उन्हें 5 अगस्त को लाहौर स्थित उनके ज़मान पार्क आवास से गिरफ्तार किया गया था.

इमरान खान के वकील दलीलें कर रहे तैयार

इस सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश उक्त मामले की सुनवाई में अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने वाले पीटीआई अध्यक्ष के वकील की दलीलों की जांच करेंग. न्यायाधीश ने अदालत से समय मांगने पर इमरान खान के वकील से दलीलें तैयार करने को कहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान पर अपनी पत्नी की इद्दत के दौरान कथित तौर पर तीसरी शादी करने का आरोप है.

इद्दत एक इस्लामी शब्दा है. यह तलाक लेने के बाद या अपने पति की मृत्यु के बाद किसी और से शादी करने से पहले एक महिला के लिए इंतजार करने की एक तय अवधि है.

पीटीआई अध्यक्ष ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

इससे पहले जुलाई में, पीटीआई अध्यक्ष ने आपराधिक मांग वाली याचिका को स्वीकार करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर इद्दत अवधि के दौरान हुए पहले निकाह के बाद साथ रहने के लिए उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ कार्यवाई की गई है.

इमरान खान और बुशरा बीबी कोअदालत में पेश होने का निर्देश

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 18 जुलाई को इस्लामाबाद में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट कुदरतुल्ला ने नौ पेज का विस्तृत फैसला जारी किया. जिसमें कहा गया कि इमरान खान के खिलाफ उनकी 'अवैध' शादी से संबंधित दायर याचिका स्वीकार्य थी. न्यायाधीश ने इमरान खान और बुशरा बीबी को भी अपनी अदालत में पेश होने का निर्देश दिया.14 जुलाई को इस्लामाबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुहम्मद आजम खान ने मामले को न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया. उन्होंने विवाह की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को अस्वीकार्य घोषित करने वाले एक अन्य सिविल कोर्ट के फैसले को भी खारिज कर दिया.

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अपनी याचिका में, पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने कहा कि निजी शिकायत में उल्लिखित आरोप पाकिस्तान दंड की धारा 496 के दायरे में अपराध नहीं हैं। संहिता (पीपीसी)।इसमें आगे कहा गया, "इस प्रकार मुकदमे को जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा."