वाशिंगटन:
अफगान पाक सीमा पर एक पाकिस्तानी चौकी पर 26 नवंबर को हुए हवाई हमले की अमेरिकी जांच में पता चला है कि गोलीबारी के बाद अमेरिकी बलों ने आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की थी और पाकिस्तानी सैनिकों को निशाने बनाने का कोई अंतरराष्ट्रीय प्रयास नहीं था। अमेरिकी सेंट्रल कमान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जांच की। इस हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। जांच अधिकारी ने यह भी कहा है कि अमेरिका और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच अपर्याप्त तालमेल के कारण भी पाकिस्तान सैन्य इकाइयों की स्थिति के बारे में गलतफहमी पैदा हुई। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा, जांच अधिकारी में पाया कि गोलियां चलाए जाने के बाद अमेरिकी सैन्यबलों ने उस समय अपने पास मौजूद सूचनाओं के आधार पर आत्म-रक्षा में कार्रवाई की। मंत्रालय ने आज तड़के जारी बयान में इस घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि उसने (जांच अधिकारी ने) यह भी पाया कि पाकिस्तान सेना से जुड़े ज्ञात व्यक्तियों और स्थानों को निशाना बनाने का भी इरादा नहीं था। जांच में कहा गया है, लेकिन सीमा समन्वय केंद्र में कार्यरत अमेरिका और पाकिस्तान सैन्य अधिकारियों के बीच अपर्याप्त तालमेल की पाकिस्तानी सैन्य इकाइयों की स्थिति के बारे में गलतफहमी पैदा हुई जिसमें अमेरिकी सैन्य अधिकारी पाकिस्तानी अधिकारी की ओर से उपलब्ध कराये गए गलत मानचित्र पर भरोसा करना भी शामिल है। हालांकि इस जांच में पाकिस्तान ने पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता का सवाल खड़ा करते हुए शामिल होने से इनकार कर दिया था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है, हम पाकिस्तानी जनता, पाकिस्तान सरकार वहां के उन सैनिकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं जो मारे गए या घायल हुए। अमेरिका ने यह भी कहा है कि अब इन गलतियां से सबक सीखने और सुधारात्मक कदम उठाने पर बल दिया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटना की पुनरावृति न हो।