मौलाना अजहर मसूद (फाइल फोटो)
पठानकोट हमले की जांच में जुटी पाकिस्तान की एसआईटी को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे साबित हो सके कि हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है। सूत्रों के हवाले से यह दावा पाकिस्तान के अखबार द ट्रिब्यून ने किया है। अखबार के मुताबिक़, यह बात भारत को बता भी दी गई है।
पठानकोट हमले के मामले में मौलाना मसूद अजहर को मास्टरमांइड मानकर भारत ने पाकिस्तान को जो सबूत सौंपे, पाकिस्तान ने न सिर्फ उसे नाकाफी करार दिया, बल्कि पाकिस्तान एसआईटी की जांच में उसके खिलाफ ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे उस पर कोई मुकदमा चलाया जा सके।
पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मंजूरी के बाद एसआईटी की इस जांच रिपोर्ट को पाकिस्तान के एनएसए नासिर खान जंजुआ ने भारत के एनएसए अजित डोवाल के साथ साझा भी किया है। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
पठानकोट हमला मामले में भारत ने पाकिस्तान को कई सबूत सौंपे, जिसमें पांच फोन नंबर और उन पर हुई बातचीत अहम थी। इसके बाद नवाज शरीफ ने भारत को कार्रवाई का भरोसा देते हुए छह सदस्यीय एसआईआटी का गठन कर दिया, जिसमें आर्मी इंटेलिजेंस से लेकर आईएसआई तक के अधिकारी शामिल हैं। इसने पिछले हफ्ते ही सरकार और सैन्य नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
पाकिस्तान ने भारत से और सबूत के साथ-साथ एसआईटी के भारत दौरे का प्रस्ताव भी रखा है। लेकिन जब पाकिस्तान सबूतों की कमी का रोना रो रहा हो तो इससे भी कुछ अधिक निकल कर सामने आने की उम्मीद नहीं है।
पठानकोट हमले के बाद भारत पाकिस्तान विदेश सचिवों के बीच बातचीत टूटी नहीं तो अटकी ज़रूर पड़ी है। विदेश मंत्रालय इसे निकट भविष्य में होना तय बता रहा है, लेकिन मसूद अज़हर को क्लीनचिट जैसी आधिकारिक जानकारी के बाद ये दूर की कौड़ी हो सकती है।
पठानकोट हमले के मामले में मौलाना मसूद अजहर को मास्टरमांइड मानकर भारत ने पाकिस्तान को जो सबूत सौंपे, पाकिस्तान ने न सिर्फ उसे नाकाफी करार दिया, बल्कि पाकिस्तान एसआईटी की जांच में उसके खिलाफ ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे उस पर कोई मुकदमा चलाया जा सके।
पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मंजूरी के बाद एसआईटी की इस जांच रिपोर्ट को पाकिस्तान के एनएसए नासिर खान जंजुआ ने भारत के एनएसए अजित डोवाल के साथ साझा भी किया है। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
पठानकोट हमला मामले में भारत ने पाकिस्तान को कई सबूत सौंपे, जिसमें पांच फोन नंबर और उन पर हुई बातचीत अहम थी। इसके बाद नवाज शरीफ ने भारत को कार्रवाई का भरोसा देते हुए छह सदस्यीय एसआईआटी का गठन कर दिया, जिसमें आर्मी इंटेलिजेंस से लेकर आईएसआई तक के अधिकारी शामिल हैं। इसने पिछले हफ्ते ही सरकार और सैन्य नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
पाकिस्तान ने भारत से और सबूत के साथ-साथ एसआईटी के भारत दौरे का प्रस्ताव भी रखा है। लेकिन जब पाकिस्तान सबूतों की कमी का रोना रो रहा हो तो इससे भी कुछ अधिक निकल कर सामने आने की उम्मीद नहीं है।
पठानकोट हमले के बाद भारत पाकिस्तान विदेश सचिवों के बीच बातचीत टूटी नहीं तो अटकी ज़रूर पड़ी है। विदेश मंत्रालय इसे निकट भविष्य में होना तय बता रहा है, लेकिन मसूद अज़हर को क्लीनचिट जैसी आधिकारिक जानकारी के बाद ये दूर की कौड़ी हो सकती है।
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