शूटआऊट के दौरान बाहर आते लोग (फाइल फोटो)
वॉशिंगटन:
अमेरिका के एक कॉलेज में घातक हथियार से लैस एक बंदूकधारी ने कम से कम नौ लोगों की हत्या कर दी और 20 अन्य को घायल कर दिया। बाद में पुलिस ने हमलावर को मार गिराया। इस हमलावर ने छात्रों का धर्म पूछने के बाद उनको गोली मारी।
बंदूकधारी की पहचान 26 वर्षीय क्रिस हार्पर मर्सर के रूप की गई
स्थानीय मीडिया के अनुसार बंदूकधारी की पहचान 26 वर्षीय क्रिस हार्पर मर्सर के रूप में की गई है। मीडिया ने प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए कहा कि उसने कथित तौर पर इसाइयों को निशाना बनाया।
गोली मारने से पहले छात्रों के धर्म के बारे में पूछा
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि बंदूकधारी ने गोली मारने से पहले छात्रों के धर्म के बारे में पूछा। पुलिस का कहना है कि इस बंदूकधारी के मंसूबे के बारे में पता नहीं चल पाया है। कक्षा में एक प्रोफेसर को नजदीक से गोली मारी गई।
घटना ग्रामीण रोसेबर्ग स्थित उम्पका कम्युनिटी कॉलेज परिसर में हुई
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि घटना गुरुवार को ग्रामीण रोसेबर्ग स्थित उम्पका कम्युनिटी कॉलेज परिसर में हुई जहां हमलावर ने अलग-अलग कक्षाओं में जाकर गोलियां चलाईं। घटनास्थल ओरेगन की राजधानी पोर्टलैंड से करीब 180 मील दक्षिण में है। कालेज में लगभग 3000 छात्र पढ़ते हैं।
सीएनएन के अनुसार अनास्तासिया बोयलोन नामक एक छात्रा ने बताया कि बंदूकधारी ने छात्रों से कहा कि अगर वे ईसाई हैं तो खड़े हो जाएं।
तुम लोग ईसाई हो, इसलिए बहुत जल्द एक मिनट के भीतर ईश्वर से मिलने जा रहे हो
इस छात्रा ने कहा, ‘‘और जब छात्र खड़े हो गए तो उसने कहा कि अच्छा, तुम लोग ईसाई हो, इसलिए बहुत जल्द एक मिनट के भीतर ईश्वर से मिलने जा रहे हो। इसके बाद उसने गोली मारी।’’ एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हमलावर के पास घातक हथियार, बड़ी मात्रा में गोला-बारूद थे, जो लंबे समय तक गोलीबारी करने के लिए काफी थे।
ओरेगन कॉलेज में गोलीबारी अमेरिका में गोलीबारी की सिलसिलेवार वारदात की कड़ी में नई घटना है। इससे पहले चार्ल्सटन गिरजाघर, सैंडी हूक स्कूल तथा ओक क्रीक गुरुद्वारे में गोलीबारी की ऐसी ही वारदात हो चुकी है। नवंबर, 2012 में ओबामा के फिर निर्वाचित होने के बाद से अमेरिका गोलीबारी की ऐसी 993 घटनाएं हो चुकी हैं। साल 2015 में ही करीब 300 घटनाएं हुई हैं।
‘हमारी’ संवेदनाएं और प्रार्थनाएं काफी नहीं हैं
अब तक रिपब्लिकन बहुमत वाली कांग्रेस को हथियार नियंत्रण के कड़े नियमों पर राजी करने में विफल रहे राष्ट्रपति ओबामा ने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि ‘हमारी’ संवेदनाएं और प्रार्थनाएं काफी नहीं हैं।
ओबामा ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘यह काफी नहीं है। इससे वह दर्द, शोक और गुस्सा हम महसूस नहीं कर पाते, जो कि हमें करना चाहिए। और ऐसी घटना अमेरिका के किसी दूसरे हिस्से में अगले सप्ताह या अब से कुछ माह बाद होने से रोकने के लिए कुछ नहीं करते।’
पिछले सात साल में ओबामा गोलीबारी के नौ विभिन्न हमलों के बाद दर्जन भर से ज्यादा बार देश को संबोधित कर चुके हैं। ओबामा ने कहा, ‘यह एक तरह से दस्तूर ही बन गया है। रिपोर्टिंग का दस्तूर है। इस मंच से मेरा प्रतिक्रिया देना दस्तूर बन गया है, इसके बाद बातचीत दस्तूर बन गई है। हम इससे स्तब्ध हो गए हैं।’
बंदूकधारी का नाम नहीं लेंगे
डगलस काउंटी के शेरिफ जॉन हेनलिन ने कहा, ‘आज का दिन भयावह रहा है। निश्चित तौर पर यह हमारे समुदाय के लिए एक गहरा झटका है।’ उन्होंने कहा कि वह बंदूकधारी का नाम नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बंदूकधारी का नाम नहीं लूंगा। मैं उसे वह श्रेय नहीं देने वाला, जिसकी इच्छा उसने इस भयावह और कायराना कृत्य से पहले की होगी।’’
पहले अधिकारियों ने मारे जाने वालों की संख्या 13 बताई थी लेकिन बाद में मृतक संख्या 10 बताई गई, जिसमें बंदूकधारी शामिल है।
बंदूकधारी की पहचान 26 वर्षीय क्रिस हार्पर मर्सर के रूप की गई
स्थानीय मीडिया के अनुसार बंदूकधारी की पहचान 26 वर्षीय क्रिस हार्पर मर्सर के रूप में की गई है। मीडिया ने प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए कहा कि उसने कथित तौर पर इसाइयों को निशाना बनाया।
गोली मारने से पहले छात्रों के धर्म के बारे में पूछा
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि बंदूकधारी ने गोली मारने से पहले छात्रों के धर्म के बारे में पूछा। पुलिस का कहना है कि इस बंदूकधारी के मंसूबे के बारे में पता नहीं चल पाया है। कक्षा में एक प्रोफेसर को नजदीक से गोली मारी गई।
घटना ग्रामीण रोसेबर्ग स्थित उम्पका कम्युनिटी कॉलेज परिसर में हुई
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि घटना गुरुवार को ग्रामीण रोसेबर्ग स्थित उम्पका कम्युनिटी कॉलेज परिसर में हुई जहां हमलावर ने अलग-अलग कक्षाओं में जाकर गोलियां चलाईं। घटनास्थल ओरेगन की राजधानी पोर्टलैंड से करीब 180 मील दक्षिण में है। कालेज में लगभग 3000 छात्र पढ़ते हैं।
सीएनएन के अनुसार अनास्तासिया बोयलोन नामक एक छात्रा ने बताया कि बंदूकधारी ने छात्रों से कहा कि अगर वे ईसाई हैं तो खड़े हो जाएं।
तुम लोग ईसाई हो, इसलिए बहुत जल्द एक मिनट के भीतर ईश्वर से मिलने जा रहे हो
इस छात्रा ने कहा, ‘‘और जब छात्र खड़े हो गए तो उसने कहा कि अच्छा, तुम लोग ईसाई हो, इसलिए बहुत जल्द एक मिनट के भीतर ईश्वर से मिलने जा रहे हो। इसके बाद उसने गोली मारी।’’ एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हमलावर के पास घातक हथियार, बड़ी मात्रा में गोला-बारूद थे, जो लंबे समय तक गोलीबारी करने के लिए काफी थे।
ओरेगन कॉलेज में गोलीबारी अमेरिका में गोलीबारी की सिलसिलेवार वारदात की कड़ी में नई घटना है। इससे पहले चार्ल्सटन गिरजाघर, सैंडी हूक स्कूल तथा ओक क्रीक गुरुद्वारे में गोलीबारी की ऐसी ही वारदात हो चुकी है। नवंबर, 2012 में ओबामा के फिर निर्वाचित होने के बाद से अमेरिका गोलीबारी की ऐसी 993 घटनाएं हो चुकी हैं। साल 2015 में ही करीब 300 घटनाएं हुई हैं।
‘हमारी’ संवेदनाएं और प्रार्थनाएं काफी नहीं हैं
अब तक रिपब्लिकन बहुमत वाली कांग्रेस को हथियार नियंत्रण के कड़े नियमों पर राजी करने में विफल रहे राष्ट्रपति ओबामा ने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि ‘हमारी’ संवेदनाएं और प्रार्थनाएं काफी नहीं हैं।
ओबामा ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘यह काफी नहीं है। इससे वह दर्द, शोक और गुस्सा हम महसूस नहीं कर पाते, जो कि हमें करना चाहिए। और ऐसी घटना अमेरिका के किसी दूसरे हिस्से में अगले सप्ताह या अब से कुछ माह बाद होने से रोकने के लिए कुछ नहीं करते।’
पिछले सात साल में ओबामा गोलीबारी के नौ विभिन्न हमलों के बाद दर्जन भर से ज्यादा बार देश को संबोधित कर चुके हैं। ओबामा ने कहा, ‘यह एक तरह से दस्तूर ही बन गया है। रिपोर्टिंग का दस्तूर है। इस मंच से मेरा प्रतिक्रिया देना दस्तूर बन गया है, इसके बाद बातचीत दस्तूर बन गई है। हम इससे स्तब्ध हो गए हैं।’
बंदूकधारी का नाम नहीं लेंगे
डगलस काउंटी के शेरिफ जॉन हेनलिन ने कहा, ‘आज का दिन भयावह रहा है। निश्चित तौर पर यह हमारे समुदाय के लिए एक गहरा झटका है।’ उन्होंने कहा कि वह बंदूकधारी का नाम नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बंदूकधारी का नाम नहीं लूंगा। मैं उसे वह श्रेय नहीं देने वाला, जिसकी इच्छा उसने इस भयावह और कायराना कृत्य से पहले की होगी।’’
पहले अधिकारियों ने मारे जाने वालों की संख्या 13 बताई थी लेकिन बाद में मृतक संख्या 10 बताई गई, जिसमें बंदूकधारी शामिल है।
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