संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद सरगना (Jaish-e-Mohammed Chief) मसूद अजहर(Masood Azhar) के ग्लोबल आतंकी घोषित होने में रोड़ा अटकाने वाले चीन से भारत किसी तरह की डील नहीं करेगा. भारत का मानना है कि वह चीन से सीधी बातचीत करता आया है, न कि इसमें कभी तीसरे देश की भूमिका रही है. ऐसे में भारत इस मसले पर कोई डील नहीं करेगा. ऐसा कहना है विदेश मंत्रालय के सूत्रों का. चीन के रवैये पर भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि हम संयम के साथ काम करते रहेंगे. मसूद अज़हर 1267 के तरह ग्लोबल आतंकी घोषित होगा.भारत पाक के बीच किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का सवाल नहीं. हम हर देश से चाहते हैं कि वह पाकिस्तान से आतंकवाद पर कार्रवाई को कहे. "खालिस्तान" को लेकर रेफरेंडम के सवाल पर विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि ऐसा होने का सवाल नहीं. इमरान खान की मीटिंग में चावला की मौजूदगी पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है.
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भारत का कहना है कि किसी अहम देश से ऐसा कोई बयान नहीं आया है, जो आतंकवादी मसूद को लेकर हमारे पक्ष पर सवाल खड़े करता हो.अमेरिका में राजनीतिक माहौल पूरी तरह भारत के पक्ष में है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अमेरिका को पता है कि पाकिस्तान ने टेरर फ़ंडिंग रोकने आदि के लिए कुछ कारगर कोशिशें नहीं की हैं. भारत इस बारे में FATF पर भी इसे उठाएगा.
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अमेरिका से मिले हथियार का भारत के खिलाफ इस्तेमाल को लेकर अमेरिका को बताया गया है. F-16 के बारे में कहा गया कि ये पहले के समय में दिया गया. भारत लगातार P5 से जानकारी साझा कर रहा है.पाकिस्तान की झूठों पर अब कोई भरोसा करने वाला नहीं. भारत पाकिस्तान को इंडियन फ्यूजीटिव के बारे में काफ़ी सबूत दे चुका है. पाक को चाहिए को वो दाऊद - सलाउद्दीन को भारत को सौंप दे. भारत ने पुलवामा पर जो सबूत दिए हैं पाक चाहे तो इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वेरीफाइड भी करा सकता है.
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