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This Article is From Dec 29, 2016

एनएसजी में भारत की सदस्यता का रास्ता खोल सकता है नया प्रस्ताव

एनएसजी में भारत की सदस्यता का रास्ता खोल सकता है नया प्रस्ताव
वाशिंगटन: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्य देशों के बीच इस महीने की शुरुआत में बांटे गए नए मसौदा प्रस्ताव से भारत के इस विशिष्ट समूह का सदस्य बनने का रास्ता साफ हो सकता है, लेकिन अमेरिका में अगले महीने बराक ओबामा प्रशासन का कार्यकाल पूरा होने तक ऐसा होने की संभावना नहीं है.

भारत को एनएसजी का पूर्ण सदस्य बनाने के अमेरिकी प्रयास को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी अब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की होगी, क्योंकि ओबामा प्रशासन नरेंद्र मोदी सरकार से किया गया अपना वादा 20 जनवरी तक शायद ही पूरा कर पाए.

परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले भारत और पाकिस्तान जैसे देशों को एनएसजी सदस्यता के लिए मसौदा एनएसजी के पूर्व प्रमुख राफेल मारियानो ग्रोसी की ओर से सौंपा गया, जिन्होंने दक्षिण कोरिया की ओर से रिपोर्ट तैयार की. दक्षिण कोरिया फिलहाल एनएसजी का अध्यक्ष है.

वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन (एसीए) के अनुसार दो पृष्ठों के मसौदे में ऐसी नौ प्रतिबद्धताओं की पेशकश की गई है, जिनको भारत और पाकिस्तान देशों को पूरी सदस्यता हासिल करने के क्रम में जताने की ज़रूरत होगी. अमेरिकी सरकार के सूत्रों ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को बताया कि मौजूदा 'समयसीमा' में यह सुनिश्चित नहीं है कि भारत को ओबामा प्रशासन के तहत सदस्यता मिलेगी.

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