इस्लामाबाद:
सरकार तथा सेना के बीच बने गतिरोध की पृष्ठभूमि में सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि उसका सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई इरादा नहीं है। दोनों मेमोगेट कांड मामले में ‘असंवैधानिक और अवैध’ तरीके से काम करने के आरोपी हैं।
अटार्नी जनरल अनवार-उल-हक ने प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ को सरकार की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने एक याचिका के जवाब में सरकार को यह जानकारी दी। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई थी कि वह सरकार को सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कयानी और इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई करने से रोके।
याचिकाकर्ता वकील एफके बट्ट ने न्यायालय से अपील की थी कि वह सरकार को निर्देश दे कि सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के साथ रक्षा सचिव (सेवानिवृत्त) लेफ्टिनेंट जनरल खालिद नईम लोधी जैसा बर्ताव नहीं किया जाए जिन्हें प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने हाल ही में बर्खास्त कर दिया था।
अटार्नी जनरल अनवार-उल-हक ने प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ को सरकार की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने एक याचिका के जवाब में सरकार को यह जानकारी दी। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई थी कि वह सरकार को सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कयानी और इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई करने से रोके।
याचिकाकर्ता वकील एफके बट्ट ने न्यायालय से अपील की थी कि वह सरकार को निर्देश दे कि सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के साथ रक्षा सचिव (सेवानिवृत्त) लेफ्टिनेंट जनरल खालिद नईम लोधी जैसा बर्ताव नहीं किया जाए जिन्हें प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने हाल ही में बर्खास्त कर दिया था।