
चोर को चोरी करने के लिए क्या चाहिए? सोने-चांदी, रुपये, कीमती सामान और ऐसी ही दूसरी चीजें इसमें शामिल हो सकती हैं. हालांकि चोरी का एक मामला अब तक के मामलों से बिलकुल अलग है क्योंकि इस मामले में आरोप लगा है हवा चुराने का. आप हैरान रह गए हैं, लेकिन यह जानकर आपकी हैरानी और बढ़ जाएगी कि यह आरोप किसी गली-मोहल्ले के दोस्तों और पड़ोसियों ने एक दूसरे पर नहीं लगाए हैं बल्कि यह आरोप एक देश ने दूसरे देश पर लगाए हैं. इनमें से एक देश बेल्जियम है तो दूसरा देश नीदरलैंड्स है. आइए जानते हैं कि क्या है ये मामला और कौन, किस पर आरोप लगा रहा है.
इस तरह से जानें पूरा मामला
हवा चोरी का यह आरोप नीदरलैंड की एक मौसम संबंधी फर्म के अधिकारी ने लगाया है. अधिकारी ने बेल्जियम के ही ब्रॉडकास्टर सर्विस को इंटरव्यू दिया और इसी में बेल्जियम पर ही आरोप जड़ दिए. यह आरोप वेदर फोरकास्ट सर्विस फर्म के सीईओ रेम्को वर्जिल्बर्ग ने लगाया है. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि बेल्यिजम उनके देश की हवा चुरा रहा है.
बेल्जियम और नीदरलैंड पडोसी मुल्क हैं. द ब्रसेल्स टाइम्स के मुताबिक, वर्जिल्बर्ग ने कहा, "विंड टर्बाइन को हवा से हवा को निकालने के लिए डिजाइन किया गया है. यदि आप विंड टर्बाइन के पीछे से मापते है तो हवा कम तेज चलती है. कई विंड टर्बाइनों वाले विंड फार्म के पीछे आप वास्तव में कम हवा की गति देखते हैं."
इस तरह से चुराई जा रही है हवा!
साथ ही उन्होंने कहा कि बेल्जियम के विंड फार्म नीदरलैंड्स की तुलना में फायदेमंद हैं. उन्होंने कहा, "वे नीदरलैंड्स के विंड पार्कों के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं और हवा अक्सर दक्षिण-पश्चिम से आती है, इसलिए आप अक्सर हमारी कुछ हवा चुरा लेते हैं."
वर्जिल्बर्ग ने बेल्जियम पर उत्तरी सागर में अपने पड़ोसी के विंड टर्बाइनों से अनजाने में पवन ऊर्जा चुराने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बेल्जियम में विंड फार्म्स कथित तौर पर नीदरलैंड्स के प्रतिष्ठानों से 3% तक पवन ऊर्जा ले रहे हैं.
देशों के बीच बेहतर समन्वय जरूरी
उनका मानना है कि इस क्षेत्र में किसी भी देश को नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए बेहतर समन्वय की जरूरत है. साथ ही कहा, "सबसे पहले एक देश के भीतर ही लेकिन हमें इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी करना होगा. उत्तरी सागर में धीरे-धीरे विंड फार्म बनाए जा रहे हैं, इसलिए वहां हवा की चोरी और भी ज्यादा होगी."
साथ ही उन्होंने कहा कि समन्वय की आवश्यकता है जिससे इसे नासमझी से न संभाला जाए.
गौरतलब है कि कार्बन तटस्थ बनने का लक्ष्य रखने वाले देशों के लिए विंड फार्मों का उपयोग जरूरी है. 2030 तक बेल्जियम अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उत्तरी सागर में छह गीगावाट की क्षमता का विंड टर्बाइन बनाना चाहता है.
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