नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ऐतिहासिक इजराइल यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत की. दोनों नेताओं ने बातचीत के बाद साझा बयान भी जारी किया. पेश हैं उसके मुख्य अंश...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, शानदार डिनर के लिए शुक्रिया. भारत इस्राइल के लोगों द्वारा की गई तरक्की की सराहना करता है. लोकतांत्रिक मूल्यों और आर्थिक विकास पर हमारा विश्वास और सोच एक जैसी है. हमारा सहयोग वैश्विक शांति और स्थिरता में महत्वूपर्ण भूमिका निभाएगा. इस्राइल जल और कृषि तकनीक में बहुत आगे है. जल संरक्षण और कृषि को लेकर हमारी बातचीत हुई है. भारत आतंकवादियों द्वारा फैलाई जा रही हिंसा से पीड़ित है और इस्राइल ने इससे निपटने के लिए भारत का साथ देने की बात कही है. आतंकवाद और पश्चिम एशिया पर भी हमारी बातचीत हुई.'
अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद कहा कि भारत आतंकवादी संगठनों द्वारा हिंसा और नफरत से सीधे तौर पर पीड़ित है और यही हाल इस्राइल का भी है. मोदी ने कहा कि अपनी बातचीत में वे और नेतन्याहू आतंकवाद से लड़ने और अपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर और काम करने पर सहमति जताई. बाद में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद वैश्विक शांति और स्थायित्व के लिये बड़ा खतरा है तथा उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिये अपनी मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
इसमें कहा गया, 'उन्होंने जोर दिया कि किसी भी आधार पर आतंकी कृत्य को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता.' बयान में कहा गया कि नेताओं ने जोर दिया कि आतंकवादियों, आतंकी संगठनों, उनके नेटवर्कों और उन सभी के खिलाफ जो उन्हें बढ़ावा, समर्थन, आर्थिर्कि मदद और पनाह देते हैं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिये.
इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने कंप्रेहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) को जल्द अपनाने के लिये सहयोग पर भी प्रतिबद्धता जताई.
इस्राइल के दौरे पर आये पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारा लक्ष्य ऐसे रिश्ते बनाने का है जिसमें हमारी साझा प्राथमिकतायें परिलक्षित हों और हमारे लोगों के बीच स्थायी संबंध बनें.' दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण समेत सात समझौतों पर दस्तखत किये.
भारत और इस्राइल ने औद्योगिक शोध और विकास तथा नवोन्मेष के लिये 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कोष की स्थापना पर भी सहमति जताई है. दोनों देश इसके लिये दो-दो करोड़ डॉलर देंगे.
(इनपुट भाषा से...)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, शानदार डिनर के लिए शुक्रिया. भारत इस्राइल के लोगों द्वारा की गई तरक्की की सराहना करता है. लोकतांत्रिक मूल्यों और आर्थिक विकास पर हमारा विश्वास और सोच एक जैसी है. हमारा सहयोग वैश्विक शांति और स्थिरता में महत्वूपर्ण भूमिका निभाएगा. इस्राइल जल और कृषि तकनीक में बहुत आगे है. जल संरक्षण और कृषि को लेकर हमारी बातचीत हुई है. भारत आतंकवादियों द्वारा फैलाई जा रही हिंसा से पीड़ित है और इस्राइल ने इससे निपटने के लिए भारत का साथ देने की बात कही है. आतंकवाद और पश्चिम एशिया पर भी हमारी बातचीत हुई.'
अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद कहा कि भारत आतंकवादी संगठनों द्वारा हिंसा और नफरत से सीधे तौर पर पीड़ित है और यही हाल इस्राइल का भी है. मोदी ने कहा कि अपनी बातचीत में वे और नेतन्याहू आतंकवाद से लड़ने और अपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर और काम करने पर सहमति जताई. बाद में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद वैश्विक शांति और स्थायित्व के लिये बड़ा खतरा है तथा उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिये अपनी मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
इसमें कहा गया, 'उन्होंने जोर दिया कि किसी भी आधार पर आतंकी कृत्य को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता.' बयान में कहा गया कि नेताओं ने जोर दिया कि आतंकवादियों, आतंकी संगठनों, उनके नेटवर्कों और उन सभी के खिलाफ जो उन्हें बढ़ावा, समर्थन, आर्थिर्कि मदद और पनाह देते हैं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिये.
इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने कंप्रेहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) को जल्द अपनाने के लिये सहयोग पर भी प्रतिबद्धता जताई.
इस्राइल के दौरे पर आये पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारा लक्ष्य ऐसे रिश्ते बनाने का है जिसमें हमारी साझा प्राथमिकतायें परिलक्षित हों और हमारे लोगों के बीच स्थायी संबंध बनें.' दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण समेत सात समझौतों पर दस्तखत किये.
भारत और इस्राइल ने औद्योगिक शोध और विकास तथा नवोन्मेष के लिये 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कोष की स्थापना पर भी सहमति जताई है. दोनों देश इसके लिये दो-दो करोड़ डॉलर देंगे.
(इनपुट भाषा से...)
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