अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा दुनिया भर में अफगान तालिबान से जुड़ी खबरों के बायकॉट में एनडीटीवी भी शामिल हो गया है। अफगान तालिबान ने गुरुवार को काबुल के सेरीना होटल में नौ निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इनमें अफगानिस्तान के एक जाने-माने पत्रकार सरदार अहमद, उनकी पत्नी और दो छोटे बच्चे शामिल हैं। इसके बाद एनडीटीवी अगले 15 दिन तक अफगान तालिबान से जुड़ी खबरों को प्रसारित ना करने के अंतरराष्ट्रीय बायकॉट का हिस्सा बन गया है।
गौरतलब है कि गुरुवार की शाम 6 बजकर 57 मिनट पर तालिबान के चार हमलावर होटल की इमारत में दाखिल हुए। गार्ड ने उन्हें तलाशी के लिए वापस बुलाया, लेकिन वह उनके जूतों और जुराबों में छुपी बंदूक और गोलियां नहीं देख पाया।
इसके बाद ये हमलावर मेटल डिटेक्टर से भी गुजर गए, लेकिन उनके हथियार पकड़ में नहीं आए। चारों इसके तुरंत बाद होटल की लॉबी में घुसे, फिर भी होटल के सिक्योरिटी गार्ड को उनपर कोई शक नहीं हुआ।
इसके बाद ये चारों आतंकी दो घंटे बाथरूम में छुपे रहने के बाद बाहर निकले। होटल में तब तक पारसी नववर्ष नौरोज का जश्न शुरू हो चुका था। ऐसे में इन आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर सात लोगों को रेस्तरां में और दो अन्य को हॉल के रास्ते में मार गिराया। अगले दो घंटे तक सुरक्षा बलों ने उनका मुकाबला किया और अंत में उन्हें मार गिराया।
इस हमले में मारे गए लोगों में पराग्वे का एक चुनाव पर्यवेक्षक लूइस मारिया डुआर्टे और कनाडा का एक कमर्चारी जीनब कसम भी शामिल हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान के सबसे मशहूर पत्रकारों में से एक एएफपी के सरदार अहमद, उनकी पत्नी हुमैरा, तीन साल का बेटा उमर और पांच साल की बेटी नीलोफर भी इस हमले में मारे गए। इस हमले में सरदार अहमद के डेढ़ साल के बेटे अबुजर को भी सिर में गोली लगी है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने पहले सिर्फ विदेशियों को ही निशाना बनाया। इस दौरान सरदार अहमद ने पश्तो में उनके साथ बात की, जिसके बाद उन्होंने इस परिवार की भी सामूहिक हत्या कर दी।
अफगान तालिबान द्वारा इन लोगों की नृशंस हत्या के बाद एनडीटीवी सैकड़ों पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के साथ तालिबान से जुड़ी खबरों के प्रसारण पर पाबंदी में शामिल हो गया है।
अफगानिस्तान की पत्रकार बिरादरी ने एक बयान जारी कर कहा है कि तालिबान ऐसे हमले कर रहा है, जिन्हें कभी सही नहीं ठहराया जा सकता। इनका मकसद सिर्फ खबरों में छाना है और अफगानिस्तान के नागरिकों में आतंक का खौफ पैदा करना है, इसीलिए अफगानिस्तान की पत्रकार बिरादरी ने एक सामूहिक फैसला लेकर तालिबान से जुड़ी खबरों का अगले 15 दिन तक बायकॉट करने का फैसला किया है।
इस दौरान आतंक से जुड़ी तालिबान की सभी खबरों के प्रसारण से परहेज रखा जाएगा। हम तालिबान से मांग करते हैं कि वह निर्दोष बच्चों की पास से गोली मारकर हत्या करने पर अपनी सफाई दे।
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