पेशावर:
‘अफगान गर्ल’ के नाम से मशहूर नेशनल ज्योग्राफिक की हरी आंखों वाली शरबत गुला को पाकिस्तान ने देश से वापस भेज दिया है.
आज जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल कर वहां रहने के आरोप में शरबत गुल को वापस भेजने का फैसला किया गया था, लेकिन कुछ दिन पहले अधिकारियों ने इस फैसले पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी.
‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार शरबत ने खबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार की पाकिस्तान में रहने की पेशकश ठुकरा दी थी, जिसके बाद कल उन्हें तोरखम सीमा पर अफगानिस्तान के सुरक्षा कर्मियों को सौंप दिया गया.
पाकिस्तान में 1985 में एक शरणार्थी शिविर में रहने के दौरान खींची गई शरबत की दिल को झकझोर देने वाली इस तस्वीर को नेशनल ज्योग्राफिक ने अपने आवरण पृष्ठ पर छापा था, जिसके बाद वह अमर हो गई और अपने देश के युद्ध की प्रतीक बन गईं. शरबत को पिछले सप्ताह पेशावर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें सोमवार तक देश से वापस भेजा जाना था.
प्रांतीय सरकार को सौंपे गए एक आवेदन में शरबत और अफगान सरकार ने 15 दिन की उनकी सजा आज पूरी होने के बाद उन्हें पाकिस्तान छोड़ने की इजाजत देने का अनुरोध किया था.
प्रांतीय सरकार ने मानवीय एवं अफगानिस्तान के प्रति सद्भावना के आधार पर उन्हें देश से वापस भेजने के फैसले पर शनिवार को रोक लगा दी थी. लेकिन गुल ने पाकिस्तान में रहने से इंकार कर दिया.
यहां की विशेष भ्रष्टाचार निरोधक एवं आव्रजन अदालत ने शुक्रवार को शरबत पर 1,10,000 रूपये :1,100 डॉलर: का जुर्माना लगाने के अलावा उन्हें 15 दिन की जेल की सजा सुनाई और अफगानिस्तान वापस भेजने का आदेश दिया था.
पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने संकेत दिया था कि शरबत को मानवीय आधार पर रिहा किया जा सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आज जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल कर वहां रहने के आरोप में शरबत गुल को वापस भेजने का फैसला किया गया था, लेकिन कुछ दिन पहले अधिकारियों ने इस फैसले पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी.
‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार शरबत ने खबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार की पाकिस्तान में रहने की पेशकश ठुकरा दी थी, जिसके बाद कल उन्हें तोरखम सीमा पर अफगानिस्तान के सुरक्षा कर्मियों को सौंप दिया गया.
पाकिस्तान में 1985 में एक शरणार्थी शिविर में रहने के दौरान खींची गई शरबत की दिल को झकझोर देने वाली इस तस्वीर को नेशनल ज्योग्राफिक ने अपने आवरण पृष्ठ पर छापा था, जिसके बाद वह अमर हो गई और अपने देश के युद्ध की प्रतीक बन गईं. शरबत को पिछले सप्ताह पेशावर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें सोमवार तक देश से वापस भेजा जाना था.
प्रांतीय सरकार को सौंपे गए एक आवेदन में शरबत और अफगान सरकार ने 15 दिन की उनकी सजा आज पूरी होने के बाद उन्हें पाकिस्तान छोड़ने की इजाजत देने का अनुरोध किया था.
प्रांतीय सरकार ने मानवीय एवं अफगानिस्तान के प्रति सद्भावना के आधार पर उन्हें देश से वापस भेजने के फैसले पर शनिवार को रोक लगा दी थी. लेकिन गुल ने पाकिस्तान में रहने से इंकार कर दिया.
यहां की विशेष भ्रष्टाचार निरोधक एवं आव्रजन अदालत ने शुक्रवार को शरबत पर 1,10,000 रूपये :1,100 डॉलर: का जुर्माना लगाने के अलावा उन्हें 15 दिन की जेल की सजा सुनाई और अफगानिस्तान वापस भेजने का आदेश दिया था.
पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने संकेत दिया था कि शरबत को मानवीय आधार पर रिहा किया जा सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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