नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट किया है कि निकट भविष्य में उनका पाकिस्तान का दौरा करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि दौरे के लिए अनुकूल माहौल होना चाहिए।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को सीधे तौर पर अपने इस इरादे के बारे में बता दिया है। जरदारी ने इसी साल जुलाई में मनमोहन सिंह को पाकिस्तान का दौरा करने का न्यौता दिया था।
मनमोहन को भेजे पत्र में जरदारी ने उन्हें 28 नवंबर को गुरूनानक जयंती के मौके पर अपने पुश्तैनी स्थान पंजाब के गाह का दौरा करने के लिए निमंत्रित किया था।
जरदारी ने सुझाव दिया था कि अगर गुरुनानक जयंती के मौके पर मनमोहन पाकिस्तान का दौरा करते हैं तो इसे पाकिस्तान के लोग बेहतर अंदाज में लेंगे और दोनों देशों के बीच अंतर-धर्म सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना मजबूत होगी।
सूत्रों का कहना है कि भारत अर्थव्यवस्था और वाणिज्य जैसे मामलों में पाकिस्तान के साथ पहल करने का इच्छुक है, लेकिन मुंबई हमले के दोषियों को दंडित करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति नहीं होने पर वह इस्लामाबाद को जिम्मेदार ठहराना चाहेगा।
भारत को नहीं लगता कि दोनों देशों के रिश्तों में कोई बड़ा बदलाव आने वाला है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम सामान्य संबंधों की ओर देख रहे हैं। इसके अपने मूल्य और लाभ होंगे।’’ आधिकरिक सूत्र की इन टिप्पणियों की खासी अहमियत है क्योंकि पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक का अगले हफ्ते भारत दौरा प्रस्तावित है।
मुंबई हमले के संदर्भ में पाकिस्तानी न्यायिक आयोग को यहां आने की इजाजत देने को लेकर भी भारत काम कर रहा है।
भारत ने पाकिस्तान को अवगत करा दिया है कि वह इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख के साथ विचार करेगा और वह समय एवं शर्तों जैसे पहलुओं को लेकर काम कर रहा है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को सीधे तौर पर अपने इस इरादे के बारे में बता दिया है। जरदारी ने इसी साल जुलाई में मनमोहन सिंह को पाकिस्तान का दौरा करने का न्यौता दिया था।
मनमोहन को भेजे पत्र में जरदारी ने उन्हें 28 नवंबर को गुरूनानक जयंती के मौके पर अपने पुश्तैनी स्थान पंजाब के गाह का दौरा करने के लिए निमंत्रित किया था।
जरदारी ने सुझाव दिया था कि अगर गुरुनानक जयंती के मौके पर मनमोहन पाकिस्तान का दौरा करते हैं तो इसे पाकिस्तान के लोग बेहतर अंदाज में लेंगे और दोनों देशों के बीच अंतर-धर्म सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना मजबूत होगी।
सूत्रों का कहना है कि भारत अर्थव्यवस्था और वाणिज्य जैसे मामलों में पाकिस्तान के साथ पहल करने का इच्छुक है, लेकिन मुंबई हमले के दोषियों को दंडित करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति नहीं होने पर वह इस्लामाबाद को जिम्मेदार ठहराना चाहेगा।
भारत को नहीं लगता कि दोनों देशों के रिश्तों में कोई बड़ा बदलाव आने वाला है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम सामान्य संबंधों की ओर देख रहे हैं। इसके अपने मूल्य और लाभ होंगे।’’ आधिकरिक सूत्र की इन टिप्पणियों की खासी अहमियत है क्योंकि पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक का अगले हफ्ते भारत दौरा प्रस्तावित है।
मुंबई हमले के संदर्भ में पाकिस्तानी न्यायिक आयोग को यहां आने की इजाजत देने को लेकर भी भारत काम कर रहा है।
भारत ने पाकिस्तान को अवगत करा दिया है कि वह इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख के साथ विचार करेगा और वह समय एवं शर्तों जैसे पहलुओं को लेकर काम कर रहा है।
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