लंदन:
महात्मा गांधी के चश्मे, उनकी एक निजी प्रार्थना पुस्तक तथा उन्हें गोली लगने के बाद वह जिस जगह पर गिरे, वहां की मिट्टी की ब्रिटेन में नीलामी होगी।
गांधी जी को 30 जनवरी 1948 में बिल्कुल समीप से गोली मारी गई थी। बापू जहां गिरे थे, वहां से पास खड़े पी.पी. नाम्बियार ने कुछ मिट्टी और घास उठा लिया था।
नीलामी की जाने वाली वस्तुओं में बापू के खत भी हैं, जिनसे उनके जीवन दर्शन का पता चलता है। बापू के जिस गोल चश्मे की नीलामी की जा रही है, वह उन्होंने 1890 के दशक में पढ़ाई के दौरान लंदन में खरीदी थी।
समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक बापू की सामग्रियों की नीलामी से 80 हजार पाउंड मिल सकता है। बापू की ये सामग्रियां एक संग्रहकर्ता ने दी है और श्रॉपशायर के लुडलो का नीलामी घर मुलॉक्स 17 अप्रैल को इन सामग्रियों की नीलामी करेगा।
बापू की प्रार्थना पुस्तक गुजराती भाषा में लिखी गई है। इसके अलावा हाथ से लिखे गए कुछ खत हैं, जिन पर हस्ताक्षर के रूप में बापू लिखा हुआ है। नीलामी की सामग्रियों में एक चरखा भी है, जिसे बापू 1931 में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में शरीक होने के लिए यहां आते वक्त साथ लाए थे।
गांधी जी को 30 जनवरी 1948 में बिल्कुल समीप से गोली मारी गई थी। बापू जहां गिरे थे, वहां से पास खड़े पी.पी. नाम्बियार ने कुछ मिट्टी और घास उठा लिया था।
नीलामी की जाने वाली वस्तुओं में बापू के खत भी हैं, जिनसे उनके जीवन दर्शन का पता चलता है। बापू के जिस गोल चश्मे की नीलामी की जा रही है, वह उन्होंने 1890 के दशक में पढ़ाई के दौरान लंदन में खरीदी थी।
समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक बापू की सामग्रियों की नीलामी से 80 हजार पाउंड मिल सकता है। बापू की ये सामग्रियां एक संग्रहकर्ता ने दी है और श्रॉपशायर के लुडलो का नीलामी घर मुलॉक्स 17 अप्रैल को इन सामग्रियों की नीलामी करेगा।
बापू की प्रार्थना पुस्तक गुजराती भाषा में लिखी गई है। इसके अलावा हाथ से लिखे गए कुछ खत हैं, जिन पर हस्ताक्षर के रूप में बापू लिखा हुआ है। नीलामी की सामग्रियों में एक चरखा भी है, जिसे बापू 1931 में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में शरीक होने के लिए यहां आते वक्त साथ लाए थे।
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