लंदन:
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के खिलाफ एकतरफा अमेरिकी कार्रवाई के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के साथ खुफिया आदान-प्रदान बंद कर दिया है। समाचार पत्र 'द टेलीग्राफ' ने रविवार को लिखा है कि आईएसआई के जो एजेंट ड्रोन हमलों के लिए लक्ष्यों के निर्धारण में मदद करते थे और सीआईए को आंकड़े उपलब्ध कराते थे, उन्होंने आतंकवादियों के बारे में महत्वपूर्ण सामरिक जानकारी अपने पास रखनी शुरू कर दी है। ज्ञात हो कि अमेरिकी कमांडो ने लादेन को गत दो मई को एबटाबाद स्थित उसके ठिकाने पर मार गिराया था। अमेरिका ने कहा था कि उसने इस कार्रवाई के बारे में पाकिस्तान को जानकारी नहीं दी थी। मीडिया रपट में कहा गया है कि अब आईएसआई ने सीआईए के साथ रिश्ता तोड़ लिया है। अखबार ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है, "वे गुस्से में हैं। उन्होंने 2009 में रिकार्ड की गई फोनवार्ता सौंपी थी, जो लादेन के खबरी तक पहुंचने में मददगार साबित हुई थी। उसके चार महीने बाद उनसे कहा गया था कि इसमें कुछ नहीं है। तभी से उनको बिल्कुल अलग कर दिया गया।" वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने इसलिए सूचनाएं साझा करना बंद कर दिया, क्योंकि वे इस बात को लेकर चिंतित थे कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों में मौजूद लादेन के शुभचिंतक उसे खबर कर देते। सैन्य विश्लेषक लेफ्टिनेंट जनरल तलत मसूद ने कहा, "अफगानिस्तान में अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय बलों के लिए समस्याएं हैं, इसलिए अमेरिका सम्बंधों को वापस पटरी पर लाने के लिए बहुत उत्सुक होगा।"
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आईएसआई, सीआईए, खुफिया