पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी भारत की कठपुतली बन गई है और उसका इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों को मदद पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. टेलीविजन चैनल पाकिस्तान टुडे के मुताबिक, मुशर्रफ ने कहा, "इस अभियान (जर्ब-ए-अज्ब) ने आतंकवादियों के सभी शिविरों तथा लॉन्चिंग पैडों को तबाह कर दिया, जिसे भारतीय खुफिया एजेंसी अफगानिस्तानी खुफिया एजेंसी (राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय) के साथ मिलकर मदद दे रही थी, ताकि कबीलाई इलाकों को अस्थिर किया जा सके."
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख ने कहा है कि जर्ब-ए-अज्ब अभियान में कोई कमी नहीं थी, क्योंकि यह मूलत: उत्तर वजीरिस्तान पर ही केंद्रित था. उन्होंने कहा, "लश्कर-ए-झांगवी हमेशा से ही एक सांप्रदायिक संगठन रहा है और उसने क्वेटा में अल्पसंख्यकों का व्यापक स्तर पर कत्लेआम किया है." उन्होंने कहा कि उनके सेना प्रमुख रहते तथा राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान सफल हो रहा था. मुशर्रफ ने कहा, "हम भारत को वार्ता की मेज पर लाने में सक्षम हुए और उन मुद्दों का निपटारा किया, जिस पर भारत बातचीत तक करने को तैयार नहीं था."
यह पूछे जाने पर कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने उन आतंकवादी संगठनों का खात्मा क्यों नहीं किया? मुशर्रफ ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान ये आतंकवादी समूह थे ही नहीं. उन्होंने कहा, "मेरे इस्तीफे के बाद ही ये सारी चीजें शुरू हुईं. हमने कश्मीर के संदर्भ में एक प्रभावी रणनीति बनाई. हम चार सूत्री एजेंडा के आधार पर कश्मीर मुद्दे को भारत के साथ निपटाने के नजदीक थे. हमारी नीतियां सफल रहीं. अमेरिका तथा चीन ने हमारे साथ संपर्क बढ़ाया."
साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंट तथा जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने कहा कि हाफिज आतंकवादी नहीं है. उन्होंने कहा, "हाफिज सईद आतंकवादी नहीं है. यह बात स्थापित हो चुकी है कि वह एक बड़ा धर्मार्थ संगठन चलाते हैं. पाकिस्तान में भूकंप तथा बाढ़ के बाद उन्होंने राहत गतिविधियों में काफी योगदान दिया."
मुशर्रफ ने कहा कि हाफिज सईद तालिबान तथा अल-कायदा के खिलाफ है और देश को उलझन में नहीं पड़ना चाहिए. भारत उनके खिलाफ है, क्योंकि उनके समर्थक भारतीय सेना से लड़ने के लिए अपनी इच्छा से कश्मीर जाते हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख ने कहा है कि जर्ब-ए-अज्ब अभियान में कोई कमी नहीं थी, क्योंकि यह मूलत: उत्तर वजीरिस्तान पर ही केंद्रित था. उन्होंने कहा, "लश्कर-ए-झांगवी हमेशा से ही एक सांप्रदायिक संगठन रहा है और उसने क्वेटा में अल्पसंख्यकों का व्यापक स्तर पर कत्लेआम किया है." उन्होंने कहा कि उनके सेना प्रमुख रहते तथा राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान सफल हो रहा था. मुशर्रफ ने कहा, "हम भारत को वार्ता की मेज पर लाने में सक्षम हुए और उन मुद्दों का निपटारा किया, जिस पर भारत बातचीत तक करने को तैयार नहीं था."
यह पूछे जाने पर कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने उन आतंकवादी संगठनों का खात्मा क्यों नहीं किया? मुशर्रफ ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान ये आतंकवादी समूह थे ही नहीं. उन्होंने कहा, "मेरे इस्तीफे के बाद ही ये सारी चीजें शुरू हुईं. हमने कश्मीर के संदर्भ में एक प्रभावी रणनीति बनाई. हम चार सूत्री एजेंडा के आधार पर कश्मीर मुद्दे को भारत के साथ निपटाने के नजदीक थे. हमारी नीतियां सफल रहीं. अमेरिका तथा चीन ने हमारे साथ संपर्क बढ़ाया."
साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंट तथा जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने कहा कि हाफिज आतंकवादी नहीं है. उन्होंने कहा, "हाफिज सईद आतंकवादी नहीं है. यह बात स्थापित हो चुकी है कि वह एक बड़ा धर्मार्थ संगठन चलाते हैं. पाकिस्तान में भूकंप तथा बाढ़ के बाद उन्होंने राहत गतिविधियों में काफी योगदान दिया."
मुशर्रफ ने कहा कि हाफिज सईद तालिबान तथा अल-कायदा के खिलाफ है और देश को उलझन में नहीं पड़ना चाहिए. भारत उनके खिलाफ है, क्योंकि उनके समर्थक भारतीय सेना से लड़ने के लिए अपनी इच्छा से कश्मीर जाते हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
परवेज मुशर्रफ, भारत, अफगान खुफिया एजेंसी, पाकिस्तान, Pervez Musharraf, India, Afghan Intelligence Agency, Pakistan