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This Article is From Jul 26, 2022

क्या अमेरिका में मंदी आने वाली है? राष्ट्रपति Joe Biden's ने दिया जवाब

कई अमेरिकी अधिकारियों ने बढ़ते हुए मंदी के डर को कम करके आंका है. उन्होंने कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में लेबर मार्केट में मजबूत मांग के दौरान मंदी होना संभव नहीं लगता." 

क्या अमेरिका में मंदी आने वाली है? राष्ट्रपति Joe Biden's ने दिया जवाब
US में मंदी के सवालों पर राष्ट्रपति Joe Biden ने दिया जवाब ( File Photo)

राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने सोमवार को कहा कि वो अमेरिका (US) में मंदी (Recession) की अपेक्षा नहीं कर रहे हैं हालांकि इस हफ्ते आने वाले जीडीपी (GDP) के आंकड़ों में शायद दिख सकता हैकि अर्थव्यवस्था (Economy)  दूसरी तिमाही में भी सिकुड़ रही है. जो बाइडेन ने रिपोटर्स से कहा, " मेरे विचार से हम मंदी की ओर नहीं बढ़ रहे." जो बाइडेन ने मजबूत रोजगार के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी बजाय मैं उम्मीद करता हूं कि "हम आसानी से तेज विकास और स्थिर विकास की ओर बढ़ रहे हैं."

कई अमेरिकी अधिकारियों ने बढ़ते हुए मंदी के डर को कम करके आंका है. उन्होंने कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में लेबर मार्केट में मांग के दौरान मंदी होना संभव नहीं लगता." 

हाल ही में आए आंकड़े दिखाते हैं कि जीडीपी शायद दूसरी तिमाही में गिर सकती है. इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी 1.6 प्रतिशत गिरी थी. लेकिन अब अब आर्थिक विशेषज्ञ इसमें हल्की बढ़त की बात कर रहे हैं.  

पहली तिमाही में जीडीपी में कटौती उम्मीद से खराब थी और 2020 के बाद पहली बार हुई थी जब महामारी अपने सबसे बुरे दौर में थी.   

अर्थव्यवस्था इस बीच केंद्रीय रिज़र्व बैंक का अगले कदम का इंतजार कर रही है कि बुधवार को महंगाई से निपटने के क्या उपाय किए जाते हैं. शायद अगली तीन  तिमाही तक ब्याज दरों में एक प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो ताकि मांग को धीमा किया जा सके.  

केंद्रीय रिज़र्व बैंक के अध्यक्ष जेरोमी पॉवेल ने कहा कि महंगाई को कम करना "ज़रूरी" है लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि महंगाई को कम करने का लक्ष्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाए बिना हासिल किया जाना चाहिए.   

इस महीने की शुरुआत में आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई बढ़ने के बाद इस साल पहली बार मई में निजी खर्जों में कमी आई और अमेरिकी निर्माण उद्योग (US Manufacturing Industry) जून में दो साल के निचले स्तर पर चला गया.

जे पी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी के चीफ अमेरिकी अर्थशास्त्री माइकल फेरोली साल के मध्य के ताजा विकास आंकड़ों के बारे में कहा  था, "सटीकता के साथ कहा जा सकता है कि मंदी बहुत करीब है".

इस मंदी से कितना नुकसान होगा या यह कितनी लंबी चलेगी, इसी से तय होगा कि महंगाई कितनी देर तक रहने वाली है और सरकार अर्थव्यवस्था पर कितना भार झेल सकती है.  

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