
तेहरान:
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में आश्चर्यजनक तरीके से जीत हासिल करने वाले उदारवादी धर्मगुरू हसन रूहानी ने देश के सातवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण कर लिया।
देश की संसद में आयोजित समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी समेत विभिन्न विदेशी नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
परमाणु कार्यक्रम के कारण विभिन्न प्रतिबंधों की मार झेल रहे ईरान को वैश्विक स्तर पर बेहतर बनाने को प्रतिबद्ध 64 वर्षीय पूर्व परमाणु वार्ताकार ने देश की संसद ‘मिल्ली मजलीस’ में शपथ ली।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने औपचारिक तौर पर रूहानी के कार्यकाल की शुरुआत का समर्थन किया था। रूहानी अगले चार वर्ष तक देश के राष्ट्रपति रहेंगे।
उदारवादी धर्मगुरू का समर्थन करते हुए खामनेई ने कहा, ‘देश को कट्टरपंथियों से अपनी दूरी बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय संकल्प की जरूरत है और उसे विधि के शासन पर ध्यान देने की जरूरत है।’ जून में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के साथ ही रूहानी ने भारत के साथ अपने संबंधों में विस्तार करने की बात करते हुए उसे अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता कहा था। रूहानी वर्ष 2002 में भारत की यात्रा पर भी गए थे।
ईरान के साथ मधुर संबंधों की ओर संकेत करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए विशेष विमान से तेहरान पहुंचे। अंसारी पहले ईरान में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
देश की संसद में आयोजित समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी समेत विभिन्न विदेशी नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
परमाणु कार्यक्रम के कारण विभिन्न प्रतिबंधों की मार झेल रहे ईरान को वैश्विक स्तर पर बेहतर बनाने को प्रतिबद्ध 64 वर्षीय पूर्व परमाणु वार्ताकार ने देश की संसद ‘मिल्ली मजलीस’ में शपथ ली।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने औपचारिक तौर पर रूहानी के कार्यकाल की शुरुआत का समर्थन किया था। रूहानी अगले चार वर्ष तक देश के राष्ट्रपति रहेंगे।
उदारवादी धर्मगुरू का समर्थन करते हुए खामनेई ने कहा, ‘देश को कट्टरपंथियों से अपनी दूरी बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय संकल्प की जरूरत है और उसे विधि के शासन पर ध्यान देने की जरूरत है।’ जून में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के साथ ही रूहानी ने भारत के साथ अपने संबंधों में विस्तार करने की बात करते हुए उसे अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता कहा था। रूहानी वर्ष 2002 में भारत की यात्रा पर भी गए थे।
ईरान के साथ मधुर संबंधों की ओर संकेत करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए विशेष विमान से तेहरान पहुंचे। अंसारी पहले ईरान में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
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