कुआलालंपुर:
हिंद महासागर के द्वीप पर मिला विमान का हिस्सा लापता विमान एमएच-370 का ही है। मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने इस बात की पुष्टि की है। 17 महीने पहले लापता हुए विमान के बारे में पहली बार कोई स्पष्टीकरण मिला है।
प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने पत्रकारों को बताया, विमान के लापता होने के 515 दिनों के बाद, आज भारी मन से मैं आपको बता रहा हूं कि विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि फ्रांसीसी हिन्द महासागर के ‘ला रीयूनियन’ द्वीप पर जो मलबा मिला है वो एमएच-370 का ही है।
उन्होंने बताया, 'अब हमारे पर पुख्ता सबूत हैं, जैसा कि मैंने पिछले साल 24 मार्च को घोषणा की थी कि एमएच-370 दक्षिणी हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।'
गौरतलब है कि फ्रांस में विशेषज्ञों ने बुधवार को ही पिछले साल लापता हुए एक विमान के हिस्सों की जांच शुरू की थी।
मलेशिया एयरलाइंस का विमान कुआलालंपुर से बीजिंग जाते वक्त पिछले साल आठ मार्च को लापता हो गया था और इसमें 239 लोग सवार थे। विमान की कई देशों द्वारा खोज भी विफल रही थी।
लेकिन पिछले सप्ताह फ्रांसीसी हिन्द महासागर के ‘ला रीयूनियन’ द्वीप पर दो मीटर लंबा ‘प्लेपेरोन’ हिस्सा मिलने से इस मामले में कुछ पता चलने की उम्मीद पैदा हुई थी।
फ्रांसीसी और मलेशियाई विशेषज्ञ जांच के लिए आज फ्रांस के दक्षिणी शहर तोलोस की प्रयोगशाला में पहुंचे थे। एक न्यायिक सूत्र ने कहा कि विंग के हिस्से की जांच शुरू हुई। जांच के दौरान फ्रांस, मलेशिया और आस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने पत्रकारों को बताया, विमान के लापता होने के 515 दिनों के बाद, आज भारी मन से मैं आपको बता रहा हूं कि विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि फ्रांसीसी हिन्द महासागर के ‘ला रीयूनियन’ द्वीप पर जो मलबा मिला है वो एमएच-370 का ही है।
उन्होंने बताया, 'अब हमारे पर पुख्ता सबूत हैं, जैसा कि मैंने पिछले साल 24 मार्च को घोषणा की थी कि एमएच-370 दक्षिणी हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।'
गौरतलब है कि फ्रांस में विशेषज्ञों ने बुधवार को ही पिछले साल लापता हुए एक विमान के हिस्सों की जांच शुरू की थी।
मलेशिया एयरलाइंस का विमान कुआलालंपुर से बीजिंग जाते वक्त पिछले साल आठ मार्च को लापता हो गया था और इसमें 239 लोग सवार थे। विमान की कई देशों द्वारा खोज भी विफल रही थी।
लेकिन पिछले सप्ताह फ्रांसीसी हिन्द महासागर के ‘ला रीयूनियन’ द्वीप पर दो मीटर लंबा ‘प्लेपेरोन’ हिस्सा मिलने से इस मामले में कुछ पता चलने की उम्मीद पैदा हुई थी।
फ्रांसीसी और मलेशियाई विशेषज्ञ जांच के लिए आज फ्रांस के दक्षिणी शहर तोलोस की प्रयोगशाला में पहुंचे थे। एक न्यायिक सूत्र ने कहा कि विंग के हिस्से की जांच शुरू हुई। जांच के दौरान फ्रांस, मलेशिया और आस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ मौजूद थे।
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