जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा है कि निर्वाचन आयोग उनकी पार्टी के हालिया सांगठनिक चुनावों को अगर स्वीकार कर लेता है और उसका प्रतिष्ठित चुनाव चिह्न लौटा देता है तो उनकी पार्टी सुन्नी इत्तेहाद परिषद (एसआईसी) में विलय कर लेगी. एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी देगी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता असद कैसर ने ‘डॉनन्यूजटीवी' के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अगर पार्टी को हालिया संगठनात्मक चुनावों के बाद उसका क्रिकेट का बल्ला चुनाव चिह्न वापस मिल जाता है तो दोनों पार्टियां विलय कर लेंगी और “पीटीआई के रूप में रहेंगी”.
सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) पाकिस्तान में इस्लामी राजनीतिक और बरेलवी धार्मिक दलों का एक राजनीतिक गठबंधन है. इसमें खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हो गए, जिन्होंने आठ फरवरी के चुनाव में जीत हासिल की.
यह पूछे जाने पर कि क्या एसआईसी में शामिल होने वाले पीटीआई समर्थित उम्मीदवार इसमें बने रहेंगे, कैसर ने कहा, “हां, हम बने रहेंगे लेकिन हम इसमें विलय भी करेंगे.”
उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए संगठन के चुनावों के बाद पार्टी को अगर उसका चुनाव चिह्न वापस मिल गया तो “दोनों (दल) विलय कर लेंगे” और “पीटीआई बने रहेंगे”. मौजूदा परिदृश्य में उसके उम्मीदवार एसआईसी का हिस्सा हैं.
इस महीने की शुरुआत में, पीटीआई ने घोषणा की कि पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) द्वारा पिछले साल दिसंबर में हुए संगठनात्मक चुनावों को खारिज करने के बाद पार्टी के ताजा सांगठनिक चुनावों के बाद बैरिस्टर गौहर अली खान को इसका अध्यक्ष चुना गया है.
पिछले साल के चुनावों को ईसीपी द्वारा कानूनी रूप से स्वीकार नहीं किए जाने के बाद संकटग्रस्त पार्टी को प्रमुख पदाधिकारियों का चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा. निर्वाचन आयोग ने पार्टी को उसके चुनाव चिन्ह क्रिकेट का बल्ला से भी वंचित कर दिया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं