प्रतीकात्मक चित्र
हांगकांग:
हांगकांग ने चीन के साथ नयी तेज गति रेल लिंक की शनिवार को शुरुआत की जिससे अब कम समय में ही लंबी यात्रा की जा सकेगी. बहरहाल, इससे अर्ध स्वायत्त चीनी क्षेत्र में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव पर चिंताएं बढ़ गईं हैं. इस रेल लिंक के निर्माण में आठ साल से अधिक का समय और 10 अरब डॉलर से अधिक की राशि लगी है. इसका मकसद रोजाना 80,000 से अधिक यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाना है. कुछ विपक्षी सांसदों का तर्क है कि यह मूल कानूनों का उल्लंघन होगा.
यह भी पढ़ें: तिब्बत में एनडीटीवी इंडिया : पहाड़ों को चीर रास्ता कैसे बनता है ये कोई चीन से सीखे
ब्रिटेन के शासन से 1997 में चीन के अधीन आने के बाद हांग कांग के मिनी संविधान के तहत उसका अपना कानूनी तंत्र है और नागरिक स्वतंत्रताएं हैं. यह संविधान हांगकांग में लोगों को बोलने की आजादी और सभा करने की आजादी देता है. बहरहाल, उनका लगातार उल्लंघन होता है. रक्षा, विदेश मामले और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कानूनी मामले बीजिंग देखता है. शहर की राजनीति में बीजिंग का कड़ा नियंत्रण और वृहद आर्थिक और लोकतांत्रिक सुधारों की मांग करने वाले नेताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाइयों ने हांग कांग की बची खुची स्वायत्तता भी समाप्त होने की आशंका पैदा कर दी है. (इनपुट भाषा से)
यह भी पढ़ें: तिब्बत में एनडीटीवी इंडिया : पहाड़ों को चीर रास्ता कैसे बनता है ये कोई चीन से सीखे
ब्रिटेन के शासन से 1997 में चीन के अधीन आने के बाद हांग कांग के मिनी संविधान के तहत उसका अपना कानूनी तंत्र है और नागरिक स्वतंत्रताएं हैं. यह संविधान हांगकांग में लोगों को बोलने की आजादी और सभा करने की आजादी देता है. बहरहाल, उनका लगातार उल्लंघन होता है. रक्षा, विदेश मामले और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कानूनी मामले बीजिंग देखता है. शहर की राजनीति में बीजिंग का कड़ा नियंत्रण और वृहद आर्थिक और लोकतांत्रिक सुधारों की मांग करने वाले नेताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाइयों ने हांग कांग की बची खुची स्वायत्तता भी समाप्त होने की आशंका पैदा कर दी है. (इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं