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ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर बिना किसी देरी के ‘गंभीर’ वार्ता के लिए तैयार है और कड़े प्रतिबंधों की अमेरिका की अपील समझदारी की कमी को दर्शाता है।
बतौर राष्ट्रपति शनिवार को पदभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में रूहानी ने कहा कि वह ईरान के अधिकारों का समर्पण नहीं करेंगे लेकिन वह पश्चिम की चिंताएं भी दूर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘इस्लामी गणतंत्र के राष्ट्रपति के तौर पर मैं यह घोषणा करता हूं कि मुद्दों को सुलझाने और दूसरे पक्ष की चिंताओं को दूर करने की राजनीतिक इच्छा है। हम गंभीरता से और समय खराब किए बगैर आदान-प्रदान और बातचीत करने वाले लोग हैं, यदि दूसरा पक्ष बातचीत करने को तैयार है।’
सुधारवादी राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2000 के दौर में रूहानी परमाणु वार्ताकार दल के प्रमुख थे। पश्चिमी देशों ने लंबी वार्ता में कुछ सकारात्मक होने की आशा जताई है।
रूहानी ने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि के तहत ईरान को मिले परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के अधिकार को वह कतई नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘ईरान का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम राष्ट्रीय मुद्दा है। हम ईरान के लोगों का अधिकार नहीं छोड़ेंगे।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित अपने अधिकारों का संरक्षण करेंगे।’ उन्होंने कहा कि ईरान यूरेनियम संवर्धन बंद नहीं करेगा। पश्चिमी देशों की चिंता का मुख्य कारण यूरेनियम संवर्धन ही है। रूहानी के मुख्य वार्ताकार रहने के दौरान ईरान ने इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था।
रूहानी ने कहा, ‘ईरान में किसी ने नहीं कहा कि वह यूरेनियम संवर्धन बंद कर देगा, किसी ने नहीं, कभी भी नहीं।’
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