हाफिज सईद की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
मुंबई पर हुए 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का जमात-उद-दावा (JuD) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) अब पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर हो गए है. मीडिया में आई ख़बर के मुताबिक इन संगठनों को संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत प्रतिबंधित करने वाला राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश निष्प्रभावी हो गया, जिसके बाद वे अब इस सूची से बाहर हो गए हैं.
इस साल फरवरी में पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने जमात-उद-दावा और FIF को प्रतिबंधित समूह घोषित करने के लिए आतंकवाद निरोधी अधिनियम, 1997 को संशोधित करते हुए अध्यादेश लागू किया था. समाचारपत्र ‘डॉन' की ख़बर के मुताबिक, सईद द्वारा दाखिल एक याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान उसके वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया कि राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश निष्प्रभावी हो गया है और उसकी अवधि को कभी नहीं बढ़ाया गया. याचिकाकर्ता ने उस अध्यादेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निगरानी सूची में शामिल करने के लिए उसके संगठनों को प्रतिबंधित किया गया.
ख़बर में बताया गया कि सईद ने याचिका में तर्क दिया कि उसने 2002 में जमात-उद-दावा को स्थापित किया था और प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ सारे संबंध खत्म कर लिए थे, लेकिन प्रतिबंधित संगठन के साथ पूर्व में उसके संबंध को लेकर भारत JuD की लगातार निंदा करता रहता है. इसके अलावा, भारत पाकिस्तान पर निरंतर दबाव बना रहा है कि नवंबर, 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को कानून के समक्ष लाया जाए. सईद लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक है, जो उस हमले के लिए जिम्मेदार है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे.
इस साल फरवरी में पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने जमात-उद-दावा और FIF को प्रतिबंधित समूह घोषित करने के लिए आतंकवाद निरोधी अधिनियम, 1997 को संशोधित करते हुए अध्यादेश लागू किया था. समाचारपत्र ‘डॉन' की ख़बर के मुताबिक, सईद द्वारा दाखिल एक याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान उसके वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया कि राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश निष्प्रभावी हो गया है और उसकी अवधि को कभी नहीं बढ़ाया गया. याचिकाकर्ता ने उस अध्यादेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निगरानी सूची में शामिल करने के लिए उसके संगठनों को प्रतिबंधित किया गया.
ख़बर में बताया गया कि सईद ने याचिका में तर्क दिया कि उसने 2002 में जमात-उद-दावा को स्थापित किया था और प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ सारे संबंध खत्म कर लिए थे, लेकिन प्रतिबंधित संगठन के साथ पूर्व में उसके संबंध को लेकर भारत JuD की लगातार निंदा करता रहता है. इसके अलावा, भारत पाकिस्तान पर निरंतर दबाव बना रहा है कि नवंबर, 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को कानून के समक्ष लाया जाए. सईद लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक है, जो उस हमले के लिए जिम्मेदार है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे.
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