त्रिपोली:
लीबिया के शासक मुअम्मार गद्दाफी ने शनिवार को कहा कि वह उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ शांति वार्ता करने के लिए तैयार हैं लेकिन सत्ता से हटने की उनकी कोई योजना नहीं है। समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक गद्दाफी ने सरकारी टेलीविजन पर दिए भाषण में कहा कि वह युद्ध विराम तभी स्वीकार करेंगे जब लड़ाई से जुड़े सभी पक्ष इसका सम्मान करेंगे। गद्दाफी ने कहा, "लीबिया अब तक युद्ध विराम के लिए तैयार है.. लेकिन युद्धविराम केवल एक पक्ष की ओर से नहीं होना चाहिए।" उन्होंने कहा, "हम पहले थे जिसने युद्ध विराम का स्वागत किया और इसे स्वीकार करने वाले भी हम पहले थे..लेकिन नाटो के हमले हम पर नहीं रुके।" ज्ञात हो कि गद्दाफी के पिछले 14 वर्ष का शासन समाप्त करने के लिए विद्रोही फरवरी के मध्य से लड़ाई छेड़े हुए हैं। इस लड़ाई में अब तक हजारों लोग मारे गए हैं। वेबसाइट 'बीबीसी डॉट को डॉट यूके' के मुताबिक गद्दाफी के शासन के खिलाफ हुई बगावत के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए पश्चिमी गठबंधन सेना संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत गद्दाफी की सेना पर हवाई हमले कर रही है। इसके पहले लीबिया की सरकार द्वारा युद्धविराम की पेशकश को या तो लागू नहीं किया गया अथवा उसे माना नहीं गया। भाषण में गद्दाफी ने कहा कि उन्हें लीबिया की सत्ता छोड़ने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता जबकि विद्रोहियों की प्रमुख शर्त यही है कि गद्दाफी सत्ता छोड़ें। उन्होंने गद्दाफी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विद्रोह किया है। सरकारी टेलीविजन ने बाद में बताया कि गद्दाफी जब भाषण दे रहे थे उसी समय नाटो ने उन्हें निशाना बनाते हुए राजधानी त्रिपोली स्थित एक सरकारी परिसर पर हवाई हमले किए। नाटो की ओर से हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है। गद्दाफी ने अपने भाषण में कहा, "शांति के दरवाजे खुले हैं।" उन्होंने कहा, "मैं फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, अमेरिका को बातचीत के लिए निमंत्रित करता हूं। हम आपके साथ वार्ता करेंगे। आप हम पर क्यों हमले कर रहे हैं?" गद्दाफी ने हालांकि कहा कि बातचीत के लिए उनके आत्मसमर्पण और निष्कासन जैसी कोई पूर्व शर्त नहीं हो सकती जबकि नाटो के कुछ देश और विद्रोही ये मांग उठा चुके हैं। उन्होंने कहा, "हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे लेकिन मैं आपसे बातचीत की पेशकश करता हूं..लीबिया के लोगों के बीच हम बिना निशाना बने अपनी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं। इसलिए आप अपने बेड़ों और लड़ाकू विमानों को वापस बुला लें।" गद्दाफी ने कहा कि लीबिया के पूर्व में और पश्चिमी शहर मिसराता में विद्रोही सेना से लड़ रहे हैं। "ये आतंकवादी हैं जो लीबिया के नहीं हैं, ये अल्जीरिया, मिस्र, ट्यूनीशिया और अफगानिस्तान से आए हैं।"
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गद्दाफी, युद्ध विराम, सत्ता