त्रिपोली:
लीबिया पर 42 साल तक एकछत्र हुकूमत करने वाले मुअम्मर कज्जाफी आज उसी सिरते शहर में मारे गए, जहां उनकी पैदाइस हुई और बचपन बीता। एनटीसी के लड़ाकों ने कज्जाफी के मारे जाने पूरे लीबिया को उनके शासन से मुक्त कराने का खूब जश्न मनाया और इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया। खबरों में कहा गया है कि विद्रोहियों की गोलीबारी में बुरी तरह घायल हुए 69 साल के कज्जाफी की पकड़े जाने के बाद मौत हो गई। वह त्रिपोली में अपनी सत्ता गंवाने के बाद से छिपते फिर रहे थे। नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल (एनटीसी) के एक कमांडर के मुताबिक सिरते से कज्जाफी के बेटे मुतस्सिम का भी शव बरामद किया गया। एनटीसी के प्रवक्ता अब्दुल हफील गोगा ने कहा, हम दुनिया के सामने यह एलान करते हैं कि कज्जाफी इंकलाब के हाथों मारा गया है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है। यह जुल्म और तानाशाही का खात्मा है। कज्जाफी की यही नियति थी। समाचार चैनल अलजजीरा के मुताबिक एनटीसी के सैन्य कमांडर अब्दुल हकीम बेलहाजी ने बताया कि कज्जाफी मारे जा चुके हैं। एनटीसी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कज्जाफी के शव को कहां ले जाया गया है, इसकी जानकारी सुरक्षा कारणों से गोपनीय रखी गई है। कज्जाफी ने तेल संपदा के धनी लीबिया में 42 साल तक हुकूमत की। वर्ष 1969 में शाह इदरीस का तख्तापलट करके कज्जाफी सत्ता में आए थे। उस वक्त वह सेना में कैप्टन थे। वर्ष 2008 में उन्होंने खुद को बादशाहों का बादशाह घोषित किया था। कज्जाफी के मारे जाने की खबर से पहले एनटीसी ने सिरते पर नियंत्रण कर लेने का दावा किया था। नाटो और अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि वे कज्जाफी की मौत की पुष्टि नहीं कर सकते। कज्जाफी के मारे जाने की खबर सुनते ही त्रिपोली की सड़कों पर जश्न शुरू हो गया। लोग हवा में गोलीबारी करने के साथ ही अपने वाहनों के हार्न बजाते देखे गए। एनटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पकड़े जाने के बाद कज्जाफी मौत हो गई क्योंकि वह बुरी तरह जख्मी थे। कज्जाफी के पकड़े जाने की खबर पर लीबिया के सूचना मंत्री महमूद शमाम ने कहा, लीबियाई जनता के लिए यह एक बड़ी जीत है। सिरते में एनटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि कज्जाफी शासन में रक्षा मंत्री रहे अबू बकर यूनुस सिरते में संघर्ष के दौरान मारे गए हैं। एक अस्पताल में उनके शव की शिनाख्त की गई है। कज्जाफी के शासन के खिलाफ इसी साल फरवरी पर जनविद्रोह की शुरुआत हुई थी। यह जनविद्रोह सशस्त्र संघर्ष में तब्दील हो गया और चंद महीनों बाद ही कज्जाफी के शासन का पटाक्षेप हुआ। त्रिपोली से अपने परिवार के साथ कज्जाफी भागे, तो उनको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। वह पिछले कुछ महनों से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए थे। सिरते में उनके समर्थक लड़ाके के बीते कई दिनों से एनटीसी लड़ाकों के लिए खासी परेशानी पैदा किए हुए थे। सिरते और बिन वलीद शहरों में एनटीसी को भी काफी नुकसान हुआ, हालांकि अब कज्जाफी के मारे जाने के बाद` अब वे जश्न मनाने में डूबे हैं।