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This Article is From May 27, 2017

श्रीलंका में बाढ़, भूस्खलन से 90 से ज्यादा लोगों की मौत, 100 से अधिक लापता

श्रीलंका में 1970 के दशक के बाद की सबसे जबरदस्त बारिश के चलते आई भारी बाढ़ और भूस्खलन से 90 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई है जबकि 110 लोग लापता हो गए हैं. सात जिलों में 20,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

श्रीलंका में बाढ़, भूस्खलन से 90 से ज्यादा लोगों की मौत, 100 से अधिक लापता
श्रीलंका में 1970 के दशक के बाद की सबसे जबरदस्त बारिश दर्ज की गई है
कोलंबो: श्रीलंका में 1970 के दशक के बाद की सबसे जबरदस्त बारिश के चलते आई भारी बाढ़ और भूस्खलन से 90 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई है जबकि 110 लोग लापता हो गए हैं. सात जिलों में 20,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने श्रीलंका में भारी तबाही मचा दी है, सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं और कई सड़कें टूट गई हैं. यहां का गाले सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जहां 7,157 लोग इससे प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के उप मंत्री दुनेश गनकानदा ने कहा, ‘हमने 1970 के दशक के बाद से सबसे जबरदस्त बारिश देखी है. हम कुछ इलाकों में राहत कार्य कर रहे हैं जबकि हम प्रभावित इलाकों में कुछ मकानों तक नहीं पहुंच सकते.’

गनकानदा ने बताया कि सरकार ने राहत के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को सतर्क कर दिया है. उप मंत्री करूणारत्ने परनाविताना ने कहा कि विदेश मंत्रालय हालात की निगरानी कर रहा है और जरूरत के मुताबिक सहायता मांगेगा.

श्रीलंकाई वायु सेना और नौसेना बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टरों और नौकाओं के जरिए राहत मुहैया करने के लिए काम कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि मॉनसून की उम्मीद तो थी लेकिन जितनी बारिश दर्ज की गई उसकी उम्मीद नहीं थी. कुछ इलाकों में 600 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं बुरी तरह से प्रभावित अन्य इलाकों में 300 से 500 मिमी बारिश दर्ज की गई है. 

मौसम विभाग प्रमुख आरएस जयशेखर ने बताया कि मॉनसून का चरम पार हो गया लेकिन अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश होने की उम्मीद है. यह 30 मई को फिर से तेज होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि कलुतारा में भूस्खलन से और रत्नापुरा जिले में बाढ़ से ज्यादातर लोग मारे गए हैं.

आपदा प्रबंधन केंद्र के मुताबिक श्रीलंका के कई हिस्सों में कल से हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से पश्चिमी और दक्षिणी प्रांत के सबारागामुवा में 2,811 परिवारों के कुल 7,856 लोग प्रभावित हुए हैं. कालूतारा जिला सचिवालय के फील्ड अफसर ने कहा कि सिर्फ इसी जिले से 38 लोगों की मौत की खबर है. सरकार ने लोगों से बढ़ते जलस्तर को लेकर सतर्क रहने को कहा है और अस्थिर ढलान वाली जगहों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा है.

नकदी फसलों के लिए श्रीलंका में वनों की बड़े पैमाने पर कटाई हुई है. इसलिए, देश में मॉनसून के दौरान अक्सर भूस्खलन होता है. पिछले साल देश में एक भीषण भूस्खलन में 100 से अधिक लोग मारे गए थे.

उधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत बाढ़ एवं भूस्खलनों के कारण भारी तबाही झेल रहे श्रीलंका के साथ खड़ा है और राहत सामग्री के साथ जलपोतों को वहां भेजा जा रहा है.






(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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