पेरिस हमलों का मास्टरमाइंड अब्देलहामिद अबाउद
नई दिल्ली:
पेरिस पर हमले के बाद भले ही आईएसआईएस पूरी दुनिया में सुर्खियों में आ गया हो, लेकिन इसका असर उसके सबसे ज्यादा मजबूत एरिया यानि ऑनलाइन स्पेस पर पड़ा है।
किस तरह से इस वर्चुअल खलीफा को रोका जाए
अभी तक इंटरनेट पर इनकी मौजूदगी ने यह माहौल बना रखा है कि यह संगठन अजेय है, काफी भयानक है और इसमें ऐसी क्षमता है कि पूरी दुनिया से नौजवान इसकी ओर खिंचे चले आ रहे हैं। अब दुनिया की तमाम सरकारें इस बात पर जोर दे रही हैं कि आखिर किस तरह से इस वर्चुअल खलीफा को रोका जाए।
उदाहरण के लिए भारत में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को आईएसआईएस पर अपनी बात रखते हुए कहा था कि दुनिया में इंटरनेट के बेहतरीन प्रयोगकर्ताओं में एक आईएसआईएस है। इसकी रोकथाम के लिए पर्रिकर ने उच्च क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही थी।
तमाम हैकरों ने संभाला मोर्चा
हालात कुछ ऐसे भी बने हैं कि आईएसआईएस तमाम हैकरों की नजर में चढ़ गया और तमाम वीडियो में इन लोगों ने धमकी दी कि वह आईएसआईएस को कम से कम इंटरनेट पर पूरी तरह रोक देंगे।
फिलहाल, इन हैकरों का दावा है कि उन्होंने करीब 8000 आईएसआईएस को समर्थन देने वाली साइटों को बंद कर दिया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी ही गतिविधियों को रोका गया है। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इस सबका क्या असर हुआ है।
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आईएसआईएस की ऑनलाइन मौजूदगी कहीं व्यापक
लंदन का क्वीलियम फाउंडेशन जो कि रैडिकलाइजेशन विषय पर अध्ययनरत है, ने दावा किया है कि पिछले तीन महीनों से वह आईएसआईएस की ऑनलाइन मौजूदगी पर नजर रखे हुए है और यह पाया कि आईएसआईएस की जितनी मौजूदगी की बात होती है वह इंटरनेट पर इससे कहीं ज्यादा व्याप्त है।
एनडीटीवी से बात करते हुए क्विलियम के वरिष्ठ रिसर्चर चार्ली विंटर ने कहा कि पिछले 30 दिनों में करीब 1000 आईएसआईएस के प्रचार में लगे अलग-अलग युनिटों को चिह्नित किया गया है। यहां पर फोटो, आर्टिकल, वीडियो, मैगजीन और यहां तक कि गानों को भी देखा गया है। इस बात से साबित हो रहा है कि इन लोगों ने यह सब करने के लिए काफी संसाधन जुटाए हैं।
संस्थान का दावा है कि इस्लामिक स्टेट में तमाम इलाके हैं, यह इलाके वेस्ट अफ्रीका से खोरासम तक फैले हुए हैं, यहां पर तमाम मीडिया कार्यालय हैं जो इस काम में लगे हुए हैं। संस्थान ने यह भी पाया है कि आईएसआईएस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। तमाम सामग्री में यह दावा किया जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट में क्या कुछ बेहतर नहीं होगा। इसमें जेल, सड़कों की सफाई, न्यायिक व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, अस्पताल सभी के बारे में चर्चा मिल जाती है। इतना ही नहीं, कुछ अटपटा से लगे, लेकिन यहां पर मछली पकड़ने के लिए जाने, बच्चों के खेलने के लिए व्यापक मैदान, के बारे में भी चर्चा है।
आईएसआईएस केवल सैनिक संस्था नहीं है
इन सामग्रियों में यह दावा किया गया है कि आईएसआईएस केवल सैनिक संस्था नहीं है बल्कि एक प्रशासनिक क्षमता वाला संस्थान भी है। उल्लेखनीय है कि अभी तक आईएसआईएस की गतिविधियों से जो चित्रण हुआ है उससे तमाम नए रंगरूट छिटकने लगे हैं। तमाम लोग बातों और दावों से अलग हकीकत को समझने लगे हैं।
हाल फिलहाल में आईएसआईएस पर दुनिया की तमाम ताकतों द्वारा किए जा रहे हमलों के बाद से भी लोगों का रुझान इस आतंकी संगठन के प्रति कुछ कम हुआ है।
अरब के एक कार्यकर्ता का बयान
अरब में जाकर काम करने वाले कार्यकर्ता ने इयाद अल बगदादी ने बताया कि हाल में यह दिखाया गया कि आईएसआईएस ने हजारों लड़ाकुओं को मौत के घाट सिर्फ इसलिए उतार दिया क्योंकि वे वापस जाना चाहते थे। बगदादी ने बताया कि उसने तमाम ऐसे लड़ाकुओं से मुलाकात की थी जो वापस जाना चाहते तो थे लेकिन उनके पास ज्यादा कुछ उपाय बचा नहीं था। वे यह नहीं समझ पा रहे थे कि वह ऐसा कैसे कर सकते हैं।
जानकारों की राय
इंटरनेट की दुनिया के जानकारों का मानना है कि आईएसआईएस के ऑनलाइन अकाउंट पर कार्रवाई करने से ज्यादा कुछ होगा नहीं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अगर इस लड़ाई को जीतना है तो यह जरूरी है कि आप यहीं पर मजबूती से उसके प्रचार के विरोध में प्रचार करें। विंटर ने कहा कि सेंसरशिप और निलंबन से ज्यादा कुछ नहीं होगा।
किस तरह से इस वर्चुअल खलीफा को रोका जाए
अभी तक इंटरनेट पर इनकी मौजूदगी ने यह माहौल बना रखा है कि यह संगठन अजेय है, काफी भयानक है और इसमें ऐसी क्षमता है कि पूरी दुनिया से नौजवान इसकी ओर खिंचे चले आ रहे हैं। अब दुनिया की तमाम सरकारें इस बात पर जोर दे रही हैं कि आखिर किस तरह से इस वर्चुअल खलीफा को रोका जाए।
उदाहरण के लिए भारत में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को आईएसआईएस पर अपनी बात रखते हुए कहा था कि दुनिया में इंटरनेट के बेहतरीन प्रयोगकर्ताओं में एक आईएसआईएस है। इसकी रोकथाम के लिए पर्रिकर ने उच्च क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही थी।
तमाम हैकरों ने संभाला मोर्चा
हालात कुछ ऐसे भी बने हैं कि आईएसआईएस तमाम हैकरों की नजर में चढ़ गया और तमाम वीडियो में इन लोगों ने धमकी दी कि वह आईएसआईएस को कम से कम इंटरनेट पर पूरी तरह रोक देंगे।
फिलहाल, इन हैकरों का दावा है कि उन्होंने करीब 8000 आईएसआईएस को समर्थन देने वाली साइटों को बंद कर दिया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी ही गतिविधियों को रोका गया है। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इस सबका क्या असर हुआ है।
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आईएसआईएस की ऑनलाइन मौजूदगी कहीं व्यापक
लंदन का क्वीलियम फाउंडेशन जो कि रैडिकलाइजेशन विषय पर अध्ययनरत है, ने दावा किया है कि पिछले तीन महीनों से वह आईएसआईएस की ऑनलाइन मौजूदगी पर नजर रखे हुए है और यह पाया कि आईएसआईएस की जितनी मौजूदगी की बात होती है वह इंटरनेट पर इससे कहीं ज्यादा व्याप्त है।
एनडीटीवी से बात करते हुए क्विलियम के वरिष्ठ रिसर्चर चार्ली विंटर ने कहा कि पिछले 30 दिनों में करीब 1000 आईएसआईएस के प्रचार में लगे अलग-अलग युनिटों को चिह्नित किया गया है। यहां पर फोटो, आर्टिकल, वीडियो, मैगजीन और यहां तक कि गानों को भी देखा गया है। इस बात से साबित हो रहा है कि इन लोगों ने यह सब करने के लिए काफी संसाधन जुटाए हैं।
संस्थान का दावा है कि इस्लामिक स्टेट में तमाम इलाके हैं, यह इलाके वेस्ट अफ्रीका से खोरासम तक फैले हुए हैं, यहां पर तमाम मीडिया कार्यालय हैं जो इस काम में लगे हुए हैं। संस्थान ने यह भी पाया है कि आईएसआईएस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। तमाम सामग्री में यह दावा किया जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट में क्या कुछ बेहतर नहीं होगा। इसमें जेल, सड़कों की सफाई, न्यायिक व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, अस्पताल सभी के बारे में चर्चा मिल जाती है। इतना ही नहीं, कुछ अटपटा से लगे, लेकिन यहां पर मछली पकड़ने के लिए जाने, बच्चों के खेलने के लिए व्यापक मैदान, के बारे में भी चर्चा है।
आईएसआईएस केवल सैनिक संस्था नहीं है
इन सामग्रियों में यह दावा किया गया है कि आईएसआईएस केवल सैनिक संस्था नहीं है बल्कि एक प्रशासनिक क्षमता वाला संस्थान भी है। उल्लेखनीय है कि अभी तक आईएसआईएस की गतिविधियों से जो चित्रण हुआ है उससे तमाम नए रंगरूट छिटकने लगे हैं। तमाम लोग बातों और दावों से अलग हकीकत को समझने लगे हैं।
हाल फिलहाल में आईएसआईएस पर दुनिया की तमाम ताकतों द्वारा किए जा रहे हमलों के बाद से भी लोगों का रुझान इस आतंकी संगठन के प्रति कुछ कम हुआ है।
अरब के एक कार्यकर्ता का बयान
अरब में जाकर काम करने वाले कार्यकर्ता ने इयाद अल बगदादी ने बताया कि हाल में यह दिखाया गया कि आईएसआईएस ने हजारों लड़ाकुओं को मौत के घाट सिर्फ इसलिए उतार दिया क्योंकि वे वापस जाना चाहते थे। बगदादी ने बताया कि उसने तमाम ऐसे लड़ाकुओं से मुलाकात की थी जो वापस जाना चाहते तो थे लेकिन उनके पास ज्यादा कुछ उपाय बचा नहीं था। वे यह नहीं समझ पा रहे थे कि वह ऐसा कैसे कर सकते हैं।
जानकारों की राय
इंटरनेट की दुनिया के जानकारों का मानना है कि आईएसआईएस के ऑनलाइन अकाउंट पर कार्रवाई करने से ज्यादा कुछ होगा नहीं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अगर इस लड़ाई को जीतना है तो यह जरूरी है कि आप यहीं पर मजबूती से उसके प्रचार के विरोध में प्रचार करें। विंटर ने कहा कि सेंसरशिप और निलंबन से ज्यादा कुछ नहीं होगा।
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