इंग्लैंड से चीन तक की यात्रा के दौरान ट्रेन सात देशों - फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, पोलैंड, बेलारूस, रूस और कज़ाकिस्तान - से गुज़रेगी...
इंग्लैंड से चीन तक के लिए पहली मालगाड़ी ट्रेन सेवा 12,000 किलोमीटर के सफर पर एसेक्स से आज रवाना होने जा रही है... ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के मुताबिक इस मालवाहक ट्रेन में 30 बोगियां हैं, जिनमें व्हिस्की, सॉफ्ट ड्रिंक, विटामिन और दवाइयों जैसे ब्रिटिश उत्पाद लदे हुए हैं...
यह ट्रेन कुल 17 दिन में 12,000 किलोमीटर, यानी 7,500 मील का सफर तय कर पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत के मशहूर थोक बाज़ार यीवू तक पहुंचेगी... अपने सफर के दौरान यह ट्रेन सात देशों - फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, पोलैंड, बेलारूस, रूस और कज़ाकिस्तान - से गुज़रेगी, और आखिरकार 27 अप्रैल को गंतव्य, यानी यीवू पहुंचेगी...
यह रेलसेवा चीन के 'वन बेल्ट, वन रोड' कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत चीन को पश्चिमी देशों से जोड़ने वाले लगभग 2,000 साल पुराने सिल्क रोड ट्रेडिंग रूट को नए सिरे से शुरू किया जाने की योजना है...
विपरीत दिशा में, यानी चीन से इंग्लैंड के लिए पहली मालगाड़ी लगभग तीन महीने पहले इस साल के शुरुआती हफ्ते में चली थी...
पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि पश्चिमी देशों की तरफ बढ़ने के लिए चीन को ब्रिटेन को अनिवार्य गंतव्य के रूप में लेना होगा, और चीनी मुद्रा युआन के निवेश के लिए लंदन सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग सेंटर बन जाना चाहिए. अब ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे का कहना है कि चीन के साथ संबंध 'सुनहरे' ही हैं, और वह चाहती हैं कि यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाने के बाद चीन की ओर से अरबों डॉलर का निवेश ब्रिटेन में हो...
यह ट्रेन कुल 17 दिन में 12,000 किलोमीटर, यानी 7,500 मील का सफर तय कर पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत के मशहूर थोक बाज़ार यीवू तक पहुंचेगी... अपने सफर के दौरान यह ट्रेन सात देशों - फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, पोलैंड, बेलारूस, रूस और कज़ाकिस्तान - से गुज़रेगी, और आखिरकार 27 अप्रैल को गंतव्य, यानी यीवू पहुंचेगी...
यह रेलसेवा चीन के 'वन बेल्ट, वन रोड' कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत चीन को पश्चिमी देशों से जोड़ने वाले लगभग 2,000 साल पुराने सिल्क रोड ट्रेडिंग रूट को नए सिरे से शुरू किया जाने की योजना है...
विपरीत दिशा में, यानी चीन से इंग्लैंड के लिए पहली मालगाड़ी लगभग तीन महीने पहले इस साल के शुरुआती हफ्ते में चली थी...
पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि पश्चिमी देशों की तरफ बढ़ने के लिए चीन को ब्रिटेन को अनिवार्य गंतव्य के रूप में लेना होगा, और चीनी मुद्रा युआन के निवेश के लिए लंदन सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग सेंटर बन जाना चाहिए. अब ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे का कहना है कि चीन के साथ संबंध 'सुनहरे' ही हैं, और वह चाहती हैं कि यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाने के बाद चीन की ओर से अरबों डॉलर का निवेश ब्रिटेन में हो...
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