
प्रतीकात्मक तस्वीर
वाशिंगटन:
अमेरिका के एक शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा है कि पाकिस्तान को परमाणु क्षमता से संपन्न आठ एफ-16 लड़ाकू विमान देने के अमेरिका के फैसले से भारत और अमेरिका के संबंधों के ‘‘कुछ पहलुओं’’ पर असर पड़ेगा। भारत 70 करोड़ डॉलर के इस सौदे पर कड़ा विरोध जता चुका है।
अमेरिकी प्रशांत कमांड (पेकॉम) के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने बुधवार को कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया, ‘‘पाकिस्तान को एफ-16 विमानों की बिक्री के संदर्भ में कहा जाए तो... हालांकि मेरे पास इस बिक्री के बारे में कोई पेशेवर राय नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर इससे भारत के साथ हमारे संबंध के कुछ पहलुओं पर असर पड़ेगा।’’ अगले सप्ताह भारत की यात्रा पर जाने वाले हैरिस सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों के सवाल का जवाब दे रहे थे।
हैरिस ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि जब मैं भारत जाउंगा तो मुझसे इस बारे में पूछा जाएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि मैं उन्हें बता पाउंगा कि यह बिक्री दुनियाभर में हमारी ओर से की जाने वाली सैन्य बिक्रियों का एक पहलू मात्र है और हम भारत के साथ अपने संबंध को बहुत महत्व देते हैं।’’ कांग्रेस की सदस्या तुलसी गब्बार्ड की ओर से एफ-16 पर पूछे गए सवाल के जवाब में एडमिरल हैरिस ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि हम इस बिक्री और इसे लेकर उनकी धारणा पर काम कर सकें और भारत के साथ अपने संबंध को सुधारना जारी रखें।’’ अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पहली हिंदू सदस्या गब्बार्ड ने पाकिस्तान को लड़ाकू विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के निर्णय पर गंभीर चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आठ एफ-16 की संभावित बिक्री पर मैंने और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने गंभीर चिंताएं जाहिर की हैं क्योंकि पाकिस्तान ने लंबे समय से उन आतंकी संगठनों को सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध करवाया है, जिन्होंने भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान के भीतर अस्थिरता पैदा करने के लिए हमले जारी रखे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘छह अमेरिकी नागरिकों की मौत की वजह बने वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की संयुक्त राष्ट्र के विरोध के बावजूद की गई हालिया रिहाई के अलावा हमारी कई चिंताएं हैं।’’ भारत ने पाकिस्तान को लगभग 70 करोड़ डॉलर के आठ एफ-16 विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के फैसले के मुद्दे पर अपनी ‘नाराजगी और निराशा’ जाहिर करने के लिए अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को समन किया था।
भारत ने अमेरिका के इस तर्क पर असहमति जाहिर की कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने में मदद देने के लिए हथियार दे रहा है। भारत का मानना है कि अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को दी गई सैन्य मदद भारत-विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल होती है।
पेंटागन ने कहा था कि एफ-16 विमान सभी मौसमों में और रात में संचालन को आसान बनाएगा। इसके साथ ही यह उग्रवाद और आतंकी अभियानों से निपटने में पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाएगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अमेरिकी प्रशांत कमांड (पेकॉम) के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने बुधवार को कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया, ‘‘पाकिस्तान को एफ-16 विमानों की बिक्री के संदर्भ में कहा जाए तो... हालांकि मेरे पास इस बिक्री के बारे में कोई पेशेवर राय नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर इससे भारत के साथ हमारे संबंध के कुछ पहलुओं पर असर पड़ेगा।’’ अगले सप्ताह भारत की यात्रा पर जाने वाले हैरिस सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों के सवाल का जवाब दे रहे थे।
हैरिस ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि जब मैं भारत जाउंगा तो मुझसे इस बारे में पूछा जाएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि मैं उन्हें बता पाउंगा कि यह बिक्री दुनियाभर में हमारी ओर से की जाने वाली सैन्य बिक्रियों का एक पहलू मात्र है और हम भारत के साथ अपने संबंध को बहुत महत्व देते हैं।’’ कांग्रेस की सदस्या तुलसी गब्बार्ड की ओर से एफ-16 पर पूछे गए सवाल के जवाब में एडमिरल हैरिस ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि हम इस बिक्री और इसे लेकर उनकी धारणा पर काम कर सकें और भारत के साथ अपने संबंध को सुधारना जारी रखें।’’ अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पहली हिंदू सदस्या गब्बार्ड ने पाकिस्तान को लड़ाकू विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के निर्णय पर गंभीर चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आठ एफ-16 की संभावित बिक्री पर मैंने और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने गंभीर चिंताएं जाहिर की हैं क्योंकि पाकिस्तान ने लंबे समय से उन आतंकी संगठनों को सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध करवाया है, जिन्होंने भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान के भीतर अस्थिरता पैदा करने के लिए हमले जारी रखे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘छह अमेरिकी नागरिकों की मौत की वजह बने वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की संयुक्त राष्ट्र के विरोध के बावजूद की गई हालिया रिहाई के अलावा हमारी कई चिंताएं हैं।’’ भारत ने पाकिस्तान को लगभग 70 करोड़ डॉलर के आठ एफ-16 विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के फैसले के मुद्दे पर अपनी ‘नाराजगी और निराशा’ जाहिर करने के लिए अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को समन किया था।
भारत ने अमेरिका के इस तर्क पर असहमति जाहिर की कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने में मदद देने के लिए हथियार दे रहा है। भारत का मानना है कि अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को दी गई सैन्य मदद भारत-विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल होती है।
पेंटागन ने कहा था कि एफ-16 विमान सभी मौसमों में और रात में संचालन को आसान बनाएगा। इसके साथ ही यह उग्रवाद और आतंकी अभियानों से निपटने में पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाएगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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