विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भारत के लिए ऐसे पड़ोसी से जुड़ना “बेहद मुश्किल” है, जो देश के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में संलिप्त हो. जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब हाल ही में पाकिस्तान ने इस बात की पुष्टि की है कि उसके विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अगले महीने गोवा में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक में शामिल होने के लिए भारत आएंगे.
जयशंकर ने यहां पनामा की विदेश मंत्री जनैना तेवाने मेंकोमो के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में सोमवार को कहा, “हम दोनों एससीओ के सदस्य हैं. इसलिए, हम आम तौर पर बैठकों में भाग लेते हैं. हम इस साल (एससीओ) के अध्यक्ष हैं. इसलिए, बैठक भारत में हो रही है. मुद्दे की बात यह है कि हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है, जो हमारे खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देता है.”
जयशंकर ने कहा, “हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित, प्रायोजित और शह नहीं देने की प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा. हमें उम्मीद है कि एक दिन हम उस मुकाम पर जरूर पहुंचेंगे.” भारत यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है. हालांकि, वह इस बात पर जोर देता है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने 20 अप्रैल को घोषणा की थी कि विदेश मंत्री बिलावल चार-पांच मई को गोवा में होने वाली एससीओ की बैठक में हिस्सा लेंगे.
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