इस्लामाबाद:
जजों की नजरबंदी के मामले में मुशर्रफ की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद सुरक्षाकर्मी के घेरे में कोर्ट से जाने के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ को उनके फार्म हाउस में ही कैद कर दिया गया है। सीएनबीसी पाकिस्तान के हवाले से कहा जा रहा है कि उनके फार्म हाउस को ही अस्थाई जेल बना दिया गया है। पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में गिरफ्तार दिखाया है।
इससे पहले दिन में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की जमानत अर्जी को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। जजों की नजरबंदी के मामले में हाईकोर्ट ने मुशर्रफ को झटका देते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर ने इस बारे में जवाब तलब किया था।
मुशर्रफ की पार्टी एपीएमएल का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। गुरुवार को यह अपील नहीं हो पाई इसलिए अब शुक्रवार को अपील की जाएगी।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक कोर्ट का आदेश आते ही कथित रूप से उनके निजी सुरक्षाकर्मी उन्हें कोर्ट से बाहर ले आए, और वह अपनी बुलेटप्रूफ एसयूवी में सवार होकर चले गए। कोर्ट से मुशर्रफ चक शहजाद स्थित फार्म हाउस पहुंचे। इस फॉर्म हाऊस तक जाने वाली सभी सड़कें एहतियातन बंद कर दी गई हैं। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि हो सकता है कि मुशर्रफ को इसी फार्म हाउस में नजरबंद कर लिया जाए। खबर यह भी इस फार्म हाउस में दो बार पुलिस गई है लेकिन फिलहाल खाली हाथ ही लौटी है।
अदालत परिसर में बड़ी संख्या में मुशर्रफ के समर्थक जमा थे। समर्थकों की उन वकीलों से धक्का-मुक्की हुई, जो पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने वाले हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग कर रहे थे।
इस बीच, जनरल परवेज मुशर्रफ के प्रवक्ता ने कहा है कि मुशर्रफ कानूनी रास्ते पर अमल करेंगे। प्रवक्ता रजा बुखारी के मुताबिक वह भागे नहीं हैं... यह सही तथ्य नहीं है। उन्हें पाकिस्तानी तंत्र की भारी सुरक्षा मिली हुई है... खतरा देखते हुए यह बढ़ा दी गई थी।
गौरतलब है कि नवंबर 2007 में मुशर्रफ ने 60 जजों को नजरबंद किया था। 2009 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इसी मामले में अब उनकी जमानत रद्द की गई है।
गत महीने पाकिस्तान लौटने के बाद से मुशर्रफ पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की वर्ष 2007 में हत्या, बलूच नेता अकबर बुगती की वर्ष 2006 में एक सैन्य अभियान के दौरान मौत और वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने को लेकर अपनी जमानत बढ़ाने के लिए कई बार अदालत के चक्कर लगा चुके हैं।
तालिबान ने भी उन्हें निशाना बनाने की चेतावनी दी है। इस सप्ताह की शुरुआत में मुशर्रफ को अगले महीने होने वाले आमचुनाव में हिस्सा लेने से अयोग्य करार दिया गया था। इसके साथ ही उनकी राजनीति में वापसी की महत्वाकांक्षा समाप्त हो गई।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
इससे पहले दिन में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की जमानत अर्जी को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। जजों की नजरबंदी के मामले में हाईकोर्ट ने मुशर्रफ को झटका देते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर ने इस बारे में जवाब तलब किया था।
मुशर्रफ की पार्टी एपीएमएल का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। गुरुवार को यह अपील नहीं हो पाई इसलिए अब शुक्रवार को अपील की जाएगी।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक कोर्ट का आदेश आते ही कथित रूप से उनके निजी सुरक्षाकर्मी उन्हें कोर्ट से बाहर ले आए, और वह अपनी बुलेटप्रूफ एसयूवी में सवार होकर चले गए। कोर्ट से मुशर्रफ चक शहजाद स्थित फार्म हाउस पहुंचे। इस फॉर्म हाऊस तक जाने वाली सभी सड़कें एहतियातन बंद कर दी गई हैं। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि हो सकता है कि मुशर्रफ को इसी फार्म हाउस में नजरबंद कर लिया जाए। खबर यह भी इस फार्म हाउस में दो बार पुलिस गई है लेकिन फिलहाल खाली हाथ ही लौटी है।
अदालत परिसर में बड़ी संख्या में मुशर्रफ के समर्थक जमा थे। समर्थकों की उन वकीलों से धक्का-मुक्की हुई, जो पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने वाले हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग कर रहे थे।
इस बीच, जनरल परवेज मुशर्रफ के प्रवक्ता ने कहा है कि मुशर्रफ कानूनी रास्ते पर अमल करेंगे। प्रवक्ता रजा बुखारी के मुताबिक वह भागे नहीं हैं... यह सही तथ्य नहीं है। उन्हें पाकिस्तानी तंत्र की भारी सुरक्षा मिली हुई है... खतरा देखते हुए यह बढ़ा दी गई थी।
गौरतलब है कि नवंबर 2007 में मुशर्रफ ने 60 जजों को नजरबंद किया था। 2009 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इसी मामले में अब उनकी जमानत रद्द की गई है।
गत महीने पाकिस्तान लौटने के बाद से मुशर्रफ पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की वर्ष 2007 में हत्या, बलूच नेता अकबर बुगती की वर्ष 2006 में एक सैन्य अभियान के दौरान मौत और वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने को लेकर अपनी जमानत बढ़ाने के लिए कई बार अदालत के चक्कर लगा चुके हैं।
तालिबान ने भी उन्हें निशाना बनाने की चेतावनी दी है। इस सप्ताह की शुरुआत में मुशर्रफ को अगले महीने होने वाले आमचुनाव में हिस्सा लेने से अयोग्य करार दिया गया था। इसके साथ ही उनकी राजनीति में वापसी की महत्वाकांक्षा समाप्त हो गई।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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