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This Article is From Feb 15, 2011

लाहौर गोलीकांड : जांच में डेविस का झूठ उजागर

Islamabad: लाहौर गोलीकांड की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने पाया है कि अमेरिकी अधिकारी रेमंड डेविस यह झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने लाहौर में दो व्यक्तियों पर आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी। समाचार पत्र 'डेली टाइम्स' ने मंगलवार को एक रपट में कहा है कि डेविस के खिलाफ सौंपे गए चालान में कहा गया है कि जांच के दौरान यह पता चला है कि आरोपी का यह कहना गलत है कि उसने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी। ज्ञात हो कि डेविस ने लाहौर में 27 जनवरी को मोटरसाइकिल पर सवार दो पाकिस्तानी नागरिकों-फैजान एवं फहीम की गोली मार कर हत्या कर दी थी। कुछ रपटों में कहा गया है कि दोनों व्यक्ति पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट थे, जो डेविस का पीछा कर रहे थे। डेविस ने दावा किया है कि उन्होंने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी। इस घटना के बाद एक और व्यक्ति की उस समय मौत हो गई थी, जब डेविस की मांग पर उनकी मदद के लिए अमेरिकी वाणिज्यदूतावास से आए एक दल के वाहन ने एक मोटरसाइकिल सवार को कुचल दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है, "1-फैजान और फहीम के पीठ में अलग-अलग तीन जख्म थे। 2-प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आरोपी ने फैजान हैदर पर उस समय गोली चलाई थी, जब वह मोटरसाइकिल छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए भागा था। 3-आरोपी ने खुद स्वीकार किया है कि उसने फैजान पर तब गोली चलाई, जब वह भाग रहा था।" रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "4-घटनास्थल से बरामद दो कारतूस के खोखे बताते हैं कि आरोपी ने मृतक को कार से बाहर निकलने के बाद गोली मारी थी। 5- आरोपी का दावा है कि मारे गए एक व्यक्ति ने अपना पिस्तौल निकाल कर उसपर तान दिया, जबकि जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मृतक का पिस्तौल खाली था और गोलियां मैगजीन में थीं। और किसी ने भी यह नहीं देखा कि मृतक ने आरोपी पर पिस्तौल तानी थी। 6- यदि आरोपी ने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी तो वह शरीर के निचले हिस्सों या पैरों में गोली मार सकता था, क्योंकि वह हथियारों के इस्तेमाल में माहिर था।" रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि डेविस ने यह भी सच नहीं बोला है कि वह अमेरिकी वाणिज्यदूतावास से आ रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है, "जीपीएस रिकार्ड के अनुसार वह अपर माल के स्कोच कार्नर स्थित अपने निजी आवास से आ रहा था। आरोपी ने सच्चाई छुपाई है। उसने जांच के दौरान किसी भी प्रश्न का जवाब देने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि अमेरिकी वाणिज्यदूतावास ने किसी भी प्रश्न का जवाब देने से उसे मना किया था।" ज्ञात हो कि अमेरिकी अधिकारियों ने धमकी दी है कि यदि डेविस को रिहा नहीं किया गया तो पाकिस्तान को वार्षिक मदद के रूप में दी जाने वाली 1.5 अरब डॉलर की राशि रोक दी जाएगी।

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