तीन साल के अयलान कुर्दी की समुद्र में डूबने से मौत हो गई थी
लंदन:
समुद्र में डूबने से मारे गए तीन साल के सीरियाई बच्चे अयलान कुर्दी की तस्वीर से दुनिया भर में शरणार्थियों का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि उनका देश हजारों सीरियाई शरणार्थियों के पुनर्वास में मदद देगा।
कैमरन इस वक्त पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में हैं। वह यहां पुर्तगाल के प्रधानमंत्री प्रेडो पासोस कोएल्हो से मुलाकात करने आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सीरियाई शरणार्थियों की मदद के मुद्दे पर विवरण अगले हफ्ते सामने आएगा। क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों से इस पर बात की जाएगी।
समाचार पत्र गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक कैमरन अभी यह नहीं बता सकते कि ब्रिटिश सरकार कितने शरणार्थियों को पनाह देगी। उम्मीद की जा रही है कि सरकार सोमवार को इस बारे में कोई बयान देगी। सोमवार को ही संसद का सत्र शुरू होगा।
माना जा रहा है कि ब्रिटेन उन लोगों को अपने यहां आने देगा जो सीरिया की सीमा पर संयुक्त राष्ट्र के शिविरों में रह रहे हैं। उन लोगों को नहीं लेगा जो फ्रांस के बंदरगाह शहर कैलाइस या देश के पास की अन्य जगहों पर हैं। माना जा रहा है कि ब्रिटेन लाख से कम शरणार्थियों को ही पनाह देगा।
कैमरन ने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि मध्य पूर्व में सीरिया के 20 लाख शरणार्थी हैं। इस समस्या का हल यह नहीं है कि इनमें से कितनों को कौन सा देश लेता है बल्कि इसका हल सीरिया की समस्या के राजनीतिक समाधान से ही निकल सकता है।
कैमरन ने यह बयान फ्रांस और जर्मनी के उस बयान के बाद दिया जिसमें दोनों देशों ने यूरोपीय संघ से कहा है कि वह सदस्य देशों को शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की एक निश्चित संख्या को अपने यहां लेने के लिए दबाव डाले।
कैमरन इस वक्त पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में हैं। वह यहां पुर्तगाल के प्रधानमंत्री प्रेडो पासोस कोएल्हो से मुलाकात करने आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सीरियाई शरणार्थियों की मदद के मुद्दे पर विवरण अगले हफ्ते सामने आएगा। क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों से इस पर बात की जाएगी।
समाचार पत्र गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक कैमरन अभी यह नहीं बता सकते कि ब्रिटिश सरकार कितने शरणार्थियों को पनाह देगी। उम्मीद की जा रही है कि सरकार सोमवार को इस बारे में कोई बयान देगी। सोमवार को ही संसद का सत्र शुरू होगा।
माना जा रहा है कि ब्रिटेन उन लोगों को अपने यहां आने देगा जो सीरिया की सीमा पर संयुक्त राष्ट्र के शिविरों में रह रहे हैं। उन लोगों को नहीं लेगा जो फ्रांस के बंदरगाह शहर कैलाइस या देश के पास की अन्य जगहों पर हैं। माना जा रहा है कि ब्रिटेन लाख से कम शरणार्थियों को ही पनाह देगा।
कैमरन ने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि मध्य पूर्व में सीरिया के 20 लाख शरणार्थी हैं। इस समस्या का हल यह नहीं है कि इनमें से कितनों को कौन सा देश लेता है बल्कि इसका हल सीरिया की समस्या के राजनीतिक समाधान से ही निकल सकता है।
कैमरन ने यह बयान फ्रांस और जर्मनी के उस बयान के बाद दिया जिसमें दोनों देशों ने यूरोपीय संघ से कहा है कि वह सदस्य देशों को शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की एक निश्चित संख्या को अपने यहां लेने के लिए दबाव डाले।
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