दुनिया की सबसे शक्तिशाली देश माने जाने वाला अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है. अब तक कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हैरानी वाली बात है कि अब ये 1,00,000 का आंकड़ा पार कर चुके हैं. शुक्रवार को जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के ट्रैकर ने यह फैक्ट्स सामने रखे. अमेरिका में शुक्रवार शाम छह बजे तक 1,544 मौत समेत 1,00,717 मामले दर्ज किए गए. यह भी बताना चाहेंगे कि सबसे अधिक मामले न्यूयॉर्क से सामने आ रहे हैं. अमेरिका में संक्रमण के मामलों में दूसरे नंबर के देश इटली से करीब 15,000 और चीन से 20,000 से अधिक मामले हैं. सबसे पहले इस बीमारी का पता चीन में ही चला था और वह इसका केंद्र बनकर सामने आया.
अमेरिका में संक्रमित मामलों पर मृत्यु दर इटली के करीब 10.5 प्रतिशत के मुकाबले करीब 1.5 प्रतिशत है. मृत्यु दर कम हो सकती है क्योंकि बड़े पैमाने पर जांच से पता चला है कि ज्यादातर लोग संक्रमित हैं लेकिन उनमें बीमारी से लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं. हालांकि यह बढ़ भी सकती है अगर और शहरों तथा राज्यों में न्यूयॉर्क जैसी स्थिति सामने आने लगे. न्यूयॉर्क में 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और वहां अस्पताल में बिस्तरों, निजी सुरक्षा उपकरणों और वेंटिलेटरों की भारी कमी है.
वहीं, चीन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से संबंधित अपना डेटा अमेरिका के साथ साझा करेगा और देश को बीजिंग के अनुभव से सबक लेने में मदद करेगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समकक्ष शी चिनफिंग के साथ शुक्रवार को हुई एक घंटे की बातचीत के बाद आज शनिवार को यह बात कही. ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस को “चीनी वायरस” कहे जाने और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर अमेरिकी लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवनशैली को “अत्यधिक खतरे” में डालने का आरोप लगाने के बाद से बीजिंग काफी गुस्से में था. लेकिन कई दिनों तक चले इस वाक युद्ध के बाद ट्रंप ने शुक्रवार को फोन पर शी से बात की.
वैश्विक महामारी के अगले केंद्र के तौर पर अमेरिका के उभरने के साथ ही शी ने ट्रंप को कोरोना वायरस से लड़ने में चीन की ओर से पूरी मदद का आश्वासन दिया लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि संक्रामक रोग कोई कोई सीमा या नस्ल नहीं जानते.
ट्रंप ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया, “हमने इस बारे में (कोरोना वायरस पर) बात की क्योंकि उनके यहां यह बहुत पहले आया इसलिए उनके पास अतिरिक्त अनुभव है. और उन्होंने कुछ अद्भुत नियम विकसित किए हैं और वह सारी सूचना यहां आ रही है. इसमें से बहुत सी जानकारी पहले ही आ चुकी है। हम इसे डेटा कहते हैं। और हम चीन के अनुभव से बहुत कुछ सीखने वाले हैं.”
ट्रंप ने कहा कि उनकी शी के साथ लगभग एक घंटे बातचीत हुई जो मुख्यत: तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी पर केंद्रित थी. फोन पर हुई बातचीत को लेकर व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने जीवन और आजीविका बचाने में सहयोग की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. व्हाइट हाउस ने कहा, “दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को हराने और वैश्विक स्वास्थ्य एवं समृद्धि को बहाल करने की दिशा में साथ काम करने पर सहमति जताई.” (इनपुट भाषा से भी)
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