चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग.
नई दिल्ली:
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि देश कभी भी अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों के साथ कोई भी समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि चीन सेना के स्थापना दिवस के मौके पर यह बयान दिया. 1 अगस्त को चीन की सेना का स्थापना दिवस होता है और शी चिनफिंग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन की सेंट्रल समिति के महासचिव हैं और सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के चेयरमैन हैं. बता दें कि भारत और चीन की सेना के जवान डोकलाम पर आमने-सामने नॉन कॉबैटिव मोड में खड़े हुए हैं.
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार उन्होंने कहा कि चीनी लोग शांति पसंद करते हैं. हम कभी भी किसी प्रकार से विस्तारवाद या हमले नहीं करेंगे, लेकिन हमें यह विश्वास है कि हम हर प्रकार के हमले को नाकाम देंगे. हम किसी को भी या फिर किसी संस्था या राजनीतिक दल को चीन के किसी भी इलाके को कभी भी किसी भी सूरत में अलग नहीं करने देंगे. चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह किसी को भी चीन को जबरन अपने हितों से समझौता करने लिए मजबूर नहीं करने देंगे.
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित परेड का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है. शी ने कहा कि पीएलए को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के निरपेक्ष नेतृत्व का सख्ती से पालन करना चाहिए और ‘‘जहां पार्टी कहे वहां मार्च करना चाहिए’’. शी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख हैं जिसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीएलए का पूर्ण नियंत्रण है.
VIDEO : डोकलाम विवाद पर भारत चीन में तनाव
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दृढ़ विश्वास है कि हमारी वीर सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है. शी के भाषण में सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक माह से चल रहे गतिरोध का कहीं कोई उल्लेख नहीं रहा। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनके विदेश एवं रक्षा मंत्रालयों ने भारत पर चीनी क्षेत्र के डोकलाम में अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है और आधिकारिक मीडिया में भारत के इस कदम के खिलाफ एक आक्रामक अभियान चलाया जा रहा है.
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार उन्होंने कहा कि चीनी लोग शांति पसंद करते हैं. हम कभी भी किसी प्रकार से विस्तारवाद या हमले नहीं करेंगे, लेकिन हमें यह विश्वास है कि हम हर प्रकार के हमले को नाकाम देंगे. हम किसी को भी या फिर किसी संस्था या राजनीतिक दल को चीन के किसी भी इलाके को कभी भी किसी भी सूरत में अलग नहीं करने देंगे. चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह किसी को भी चीन को जबरन अपने हितों से समझौता करने लिए मजबूर नहीं करने देंगे.
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित परेड का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है. शी ने कहा कि पीएलए को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के निरपेक्ष नेतृत्व का सख्ती से पालन करना चाहिए और ‘‘जहां पार्टी कहे वहां मार्च करना चाहिए’’. शी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख हैं जिसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीएलए का पूर्ण नियंत्रण है.
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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दृढ़ विश्वास है कि हमारी वीर सेना में सभी दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है. शी के भाषण में सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक माह से चल रहे गतिरोध का कहीं कोई उल्लेख नहीं रहा। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनके विदेश एवं रक्षा मंत्रालयों ने भारत पर चीनी क्षेत्र के डोकलाम में अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है और आधिकारिक मीडिया में भारत के इस कदम के खिलाफ एक आक्रामक अभियान चलाया जा रहा है.
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