
चीन की सरकारी मीडिया ने बुधवार को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प की जानकारी दी. हालांकि सरकारी मीडिया ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि चीन को इस झड़प में कितना नुकसान हुआ है. यहां तक कि चीन में इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने गुस्सा जाहिर किया और लिखा कि चीन को मामले में जवाब देना चाहिए.
गौरतलब है कि मंगलवार को भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा था कि "हिंसक झड़प" में 20 जवानों ने अपनी जान गंवाई है. सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचा है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि मामले में चीन के सैनिकों की भी जानें गई हैं. हालांकि कितने चीनी सैनिक मारे गए हैं इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है. चीन की सरकारी मीडिया बरसों बाद हुई इस तरह की हिंसक घटना पर खुलकर कुछ नहीं बोल रही है.
विश्व की सबसे ज्यादा आबादी वाले दोनों देशों के बीच अक्सर सीमा पर विवाद होते रहते हैं लेकिन 1975 के बाद पहली बार इस तरह हिंसा पेश आई है. ग्लोबल टाइम्स ने भारत के कितने जवानों की जानें गई इसकी जानकारी दी लेकिन लिखा कि चीन ने अपने जवानों की मौत से जुड़ी जानकारी जारी नहीं की है.
सीसीटीवी और पीपल डेली ने चीनी सेना के बयान को ही दोहराया. चीन में मीडिया के एक तबके ने सीमा पर हुई इस घटना की जानकारी ही नहीं दी. चीनी विदेश मंत्रालय के बयान से भी घटना के जिक्र को हटा दिया गया. ग्लोबल टाइम्स ने एक संपादकीय में कहा चीन ने चीनी सैनिकों की मौत खबर इसलिए दबा दी क्यों कि जिससे मामला ज्यादा न भड़के. चीन नहीं चाहता कि भारत के साथ सीमा विवाद गंभीर रूप ले. संपादकीय में भारत को इस विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
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